झारखंड : अब स्कूलों के पाठ्यक्रम में पढ़ाई जाएगी शिबू सोरेन की जीवनी
रांची: झारखंड सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों को दिशोम गुरु शिबू सोरेन के जीवन, संघर्ष और समाज सुधार में योगदान से परिचित कराने की पहल की है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने उनके जीवन को पाठ्यक्रम में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
कक्षा 1 से 12 तक होगी पढ़ाई
बुधवार को विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि शिबू सोरेन की जीवनी और उनके सामाजिक योगदान पर आधारित अध्याय कक्षा 1 से 12 तक की किताबों में शामिल किए जाएंगे।
- हिंदी, अंग्रेजी, सामाजिक अध्ययन और पर्यावरण विज्ञान की पुस्तकों में अलग-अलग कक्षाओं के लिए विशेष कंटेंट तैयार होगा।
- बच्चों को उनके संघर्ष, आदिवासी अधिकारों की लड़ाई और समाज सुधार में निभाई गई भूमिका के बारे में बताया जाएगा।
अगस्त तक तैयार होगा ड्राफ्ट
शिक्षा सचिव ने निर्देश दिया है कि 31 अगस्त तक ड्राफ्ट को अंतिम रूप दे दिया जाए। इसके बाद अगली शैक्षणिक सत्र के लिए प्रिंट होने वाली किताबों में इसे शामिल कर दिया जाएगा।
झारखंड सरकार का मानना है कि इस कदम से विद्यार्थियों को राज्य के महान नेताओं और उनके संघर्ष की जानकारी मिलेगी, जिससे उनमें सामाजिक चेतना और स्थानीय इतिहास के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।






