चुनाव आयोग ने सार्वजनिक की 65 लाख हटाए गए मतदाताओं की सूची
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद मतदान केंद्रों पर चिपकाई गई ASD लिस्ट, ऑनलाइन भी होगी उपलब्ध
बिहार में चुनाव आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया के तहत हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम सार्वजनिक कर दिए हैं। अधिकारियों ने बताया कि इन नामों की सूची कई जिलों के मतदान केंद्रों पर चिपकाई गई है, ताकि लोग आसानी से जानकारी ले सकें।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
यह कदम सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद उठाया गया है जिसमें निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया गया था कि 19 अगस्त तक हटाए गए नामों की जानकारी सार्वजनिक की जाए और 22 अगस्त तक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की जाए।
मतदान केंद्र और ऑनलाइन लिस्ट
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय के अनुसार, रोहतास, बेगूसराय, अरवल समेत कई जिलों के मतदान केंद्रों पर ‘ASD’ (Absent, Shifted, Dead – अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत) मतदाताओं की सूची चिपकाई गई है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुरूप इसे ऑनलाइन भी प्रकाशित करने की तैयारी की जा रही
SIR विवाद क्या है?
बिहार में SIR यानी विशेष गहन संशोधन को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है।
- जून 2024 में चुनाव आयोग ने राज्य के लगभग 8 करोड़ मतदाताओं की सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू की।
- इसका उद्देश्य मृत, फर्जी और स्थानांतरित मतदाताओं के नाम सूची से हटाना बताया गया।
- लेकिन विपक्षी दलों ने इसे “वोट चोरी” करार देते हुए चुनाव आयोग पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया।
मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा
विवाद गहराने के बाद यह पूरा मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। अदालत ने साफ कहा कि पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हटाए गए मतदाताओं की पूरी जानकारी सार्वजनिक की जाए। इसी आदेश के बाद अब बिहार में 65 लाख हटाए गए नाम खुले तौर पर प्रकाशित किए गए हैं।






