आरएसएस के 100 साल: दिल्ली में होगा तीन दिवसीय भव्य आयोजन, मोहन भागवत रहेंगे मौजूद
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपनी स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में कई आयोजनों की योजना बना रहा है। इस श्रृंखला की शुरुआत राजधानी दिल्ली से होने जा रही है, जहां 26 से 28 अगस्त तक तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में स्वयं संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत शिरकत करेंगे।
कार्यक्रम का नाम और उद्देश्य
इस कार्यक्रम को ‘100 वर्ष की संघ यात्रा – नए क्षितिज’ नाम दिया गया है। इसका उद्देश्य आरएसएस की शताब्दी यात्रा के मूल उद्देश्यों, विचारधारा और सामाजिक कार्यों को समाज के सामने लाना है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि यह संवाद दिल्ली के अलावा देश के चार अन्य प्रमुख शहरों—बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में भी आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली में क्या होगा विशेष?
दिल्ली का यह संवाद कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा, जिसकी शुरुआत 26 अगस्त से होगी और प्रत्येक दिन का सत्र शाम 5:30 बजे शुरू होगा। यह कार्यक्रम उसी तरह का होगा जैसा वर्ष 2018 में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में कौन-कौन होंगे आमंत्रित?
दिल्ली के कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों से प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। खास बात यह है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को भी इस आयोजन में बुलाया जा रहा है। इसके अलावा भारत में मौजूद विदेशी दूतावासों से भी कुछ प्रतिनिधियों को आमंत्रित करने की योजना है, ताकि संघ के कार्यों और विचारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रस्तुत किया जा सके।
देशभर में होंगे 1000 से अधिक आयोजन
संघ की योजना केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है। स्थापना की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में देश के विभिन्न जिलों में 1000 से अधिक गोष्ठियों और संवादों का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम न केवल संघ की ऐतिहासिक यात्रा को दिखाएगा, बल्कि इसके वर्तमान योगदान और भविष्य की दिशा को भी रेखांकित करेगा।
आरएसएस की स्थापना कब और कैसे हुई थी?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को विजयदशमी के दिन नागपुर (महाराष्ट्र) में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा की गई थी। अपनी स्थापना के बाद से संघ का उद्देश्य राष्ट्र सेवा, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण में अहम भूमिका निभाना रहा है।






