राहुल गांधी का बड़ा दावा: चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में धांधली का आरोप, 5 अगस्त को बेंगलुरु में पेश करेंगे सबूत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। उन्होंने ऐलान किया है कि 5 अगस्त को बेंगलुरु में वह इसके ठोस सबूत सार्वजनिक करेंगे। राहुल गांधी ने इसे “एटम बम” करार दिया है और कहा कि महीनों की मेहनत के बाद उन्होंने इन सबूतों को इकट्ठा किया है।
कहां और कैसे पेश करेंगे सबूत?
राहुल गांधी ने बताया कि 5 अगस्त, मंगलवार को वह कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और इसी दौरान चुनाव आयोग के खिलाफ जुटाए गए प्रमाण पेश किए जाएंगे।
इसके अलावा, बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क से लेकर चुनाव आयोग कार्यालय तक एक विरोध मार्च भी निकाला जाएगा। राहुल ने दावा किया कि उनके पास ऐसे तथ्य हैं जो यह साबित करेंगे कि चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट में सुनियोजित तरीके से छेड़छाड़ की है।
कर्नाटक चुनाव में हुई गड़बड़ी का आरोप
राहुल गांधी का आरोप है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की गई। उन्होंने कहा कि जांच में यह बात सामने आई है कि अचानक 40 से 45 साल के उम्रदराज लोगों के नाम बड़ी संख्या में वोटर लिस्ट में जोड़े गए, जबकि सामान्यतः नए मतदाताओं की उम्र 18 से 20 वर्ष होती है।
राहुल ने कहा, “ऐसा लगता है जैसे तय रणनीति के तहत पुराने उम्र के फर्जी नामों को लिस्ट में डाला गया ताकि चुनाव परिणाम प्रभावित किए जा सकें।”
मध्य प्रदेश और राजस्थान में सीटें न मिलना भी संदिग्ध
राहुल ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में कांग्रेस को जब अप्रत्याशित रूप से सीटें नहीं मिलीं, तो उन्हें शक हुआ। जब उन्होंने चुनाव में गड़बड़ी की बात उठाई, तो सबूत मांगे गए। अब उन्होंने छह महीने की मेहनत से ये सबूत तैयार किए हैं।
संसद में भी गूंज रहा है वोटर लिस्ट का मुद्दा
इस मामले को लेकर संसद में भी विपक्ष हंगामा कर रहा है। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के विरोध में विपक्ष लगातार कार्यवाही बाधित कर रहा है। बिहार के नेता तेजस्वी यादव ने भी वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगाया था, हालांकि चुनाव आयोग ने बाद में पुष्टि की कि उनका नाम सूची में मौजूद है लेकिन EPIC नंबर बदलने के कारण भ्रम की स्थिति पैदा हुई थी।
चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज किया
राहुल गांधी इससे पहले भी चुनाव आयोग पर ‘वोटों की चोरी’ में शामिल होने का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि जो अधिकारी इसमें शामिल हैं, उन्हें सेवानिवृत्त होने के बाद भी नहीं बख्शा जाएगा। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है।
नजर 5 अगस्त पर
अब सबकी निगाहें 5 अगस्त पर टिकी हैं, जब राहुल गांधी बेंगलुरु में सबूतों के साथ सामने आएंगे। अगर उनके दावे सही साबित होते हैं, तो यह चुनाव प्रक्रिया पर बड़ा सवाल उठाएगा। हालांकि चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया भी उतनी ही अहम होगी, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।






