तेजस्वी यादव ने उठाए वोटर लिस्ट पर सवाल, चुनाव आयोग ने दिखाए सबूत करार दिया दावा गलत
बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच वोटर लिस्ट को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने दावा किया कि उनका नाम नई मतदाता सूची से हटा दिया गया है। लेकिन चुनाव आयोग ने उनके इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है और सबूत के तौर पर वोटर लिस्ट भी जारी कर दी है।
तेजस्वी यादव का आरोप
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा, “एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई। न राजनीतिक दलों को विश्वास में लिया गया, न सुप्रीम कोर्ट की सिफारिशों को माना गया। मेरी खुद की एंट्री वोटर लिस्ट से गायब है।”
उन्होंने कहा कि आयोग की प्रक्रिया को लेकर दस्तावेजी प्रमाण, प्रवासी मजदूरों के पलायन और समय-सीमा पर लगातार सवाल उठे हैं, लेकिन आयोग ने विपक्ष की चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गरीब और वंचित तबके के लोगों के नाम बड़ी संख्या में काट दिए गए हैं।
चुनाव आयोग का जवाब: तेजस्वी का नाम सूची में मौजूद
तेजस्वी यादव के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने तुरंत वोटर लिस्ट जारी कर दी। आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी का नाम मतदाता सूची में 416वें नंबर पर मौजूद है।

चुनाव आयोग के मुताबिक, तेजस्वी यादव जिस EPIC नंबर से अपना नाम ढूंढ रहे थे, वह बदल गया है। नया EPIC नंबर दर्ज करने पर उनका नाम सूची में आसानी से मिल गया। आयोग ने कहा कि तेजस्वी का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है।
SIR के बाद जारी हुआ नया वोटर लिस्ट ड्राफ्ट
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बिहार के 38 जिलों की संशोधित ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की। एसआईआर प्रक्रिया के बाद राज्य के कुल 78,96,844 मतदाताओं में से 65,64,075 नाम हटा दिए गए, यानी लगभग 8.3% वोटरों को सूची से बाहर कर दिया गया। नए ड्राफ्ट में अब 72,40,756 मतदाताओं के नाम शामिल हैं।
पटना जिले में सबसे अधिक नाम कटे हैं, और आयोग का कहना है कि अधिकांश नाम मृत्यु, स्थायी स्थानांतरण या अनुपस्थिति जैसे कारणों से हटाए गए हैं।






