तेलंगाना सरकार ने स्थानीय निकाय चुनावों में 42% पिछड़ा वर्ग आरक्षण को मंजूरी दी

मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में हुई 19वीं राज्य कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही, सरकार ने दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना, गोशालाओं के आधुनिकीकरण और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में तेजी लाने संबंधी कई अहम फैसले किए।
हैदराबाद: मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में 10 जुलाई को आयोजित तेलंगाना की 19वीं कैबिनेट बैठक में राज्य सरकार ने कई ऐतिहासिक और अहम फैसले लिए। इनमें सबसे बड़ा फैसला स्थानीय निकाय चुनावों में पिछड़ा वर्ग (OBC) को 42% आरक्षण देने का है। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए पंचायत राज अधिनियम में संशोधन का भी फैसला लिया है।
पिछड़ा वर्ग आरक्षण पर ऐतिहासिक फैसला
तेलंगाना में पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या आधे से ज्यादा है, लेकिन उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व को लेकर लंबे समय से मांगें उठती रही हैं। राज्य सरकार ने इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए स्थानीय निकाय चुनावों — जैसे ग्राम पंचायत, पंचायत समितियां और जिला परिषद — में OBC के लिए 42% आरक्षण लागू करने का फैसला लिया है।
- यह आरक्षण ग्राम पंचायत सरपंच, मंडल पंचायत समितियों और जिला परिषद सदस्यों से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष के पदों तक लागू होगा।
- इसके लिए सरकार ने पंचायत राज अधिनियम, 2018 में संशोधन की मंजूरी दी है।
- आरक्षण का निर्धारण मंडल, जिला और राज्य स्तर की इकाइयों के आधार पर किया जाएगा।
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है और योजना विभाग के अंतर्गत जाति जनगणना की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
19वीं कैबिनेट बैठक में लिए गए अन्य अहम फैसले
पिछली कैबिनेट बैठकों की समीक्षा पहली बार
कैबिनेट ने पहली बार 7 दिसंबर 2023 से अब तक हुई 18 बैठकों के फैसलों की समीक्षा की। इन बैठकों में 327 विषयों पर चर्चा और 321 निर्णयों को मंजूरी दी गई थी।
दो नई निजी यूनिवर्सिटियों को मंजूरी
राज्य में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने दो प्राइवेट यूनिवर्सिटियों को मंजूरी दी:
- एमिटी यूनिवर्सिटी
- यहां 50% सीटें स्थानीय तेलंगाना के छात्रों के लिए आरक्षित रहेंगी।
- सेंट मैरीज रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी
संगारेड्डी जिले में नई नगरपालिकाएं
संगारेड्डी जिले के जिन्नाराम और इंद्रेशम क्षेत्र की 18 ग्राम पंचायतों को नगरपालिका क्षेत्र से हटाने को मंजूरी दी गई है। इससे शहरी प्रशासन को पुनर्गठित किया जाएगा।
आधुनिक गोशालाओं के लिए समिति का गठन
राज्य में गोसेवा और पशुपालन को आधुनिक स्वरूप देने के लिए कैबिनेट ने:
- मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति बनाने का फैसला लिया।
- यह समिति नई गोशालाओं के निर्माण और रख-रखाव के मॉडल पर स्टडी कर अगली कैबिनेट बैठक से पहले रिपोर्ट देगी।
पशुपालन विभाग ने बताया कि राज्य में 306 गोशालाएं हैं। अब नई आधुनिक गोशालाएं एनकेपल्ली, पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय (हैदराबाद), वेमुलावाड़ा और यादगिरिगुट्टा में प्रस्तावित हैं।
लंबित परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण में तेजी
राज्य में विभिन्न विभागों की लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया गया है। इसमें सड़क, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा व अन्य अधोसंरचना परियोजनाएं शामिल हैं।