बिहार में बेलगाम अपराध: पटना से बक्सर, मुजफ्फरपुर और बेगूसराय तक हिंसा, पुलिस पर उठे सवाल

राजधानी पटना से लेकर सिवान, मुजफ्फरपुर और बेगूसराय तक हत्या, फायरिंग और अपहरण जैसी वारदातें बढ़ती जा रही हैं
पटना:बिहार में कानून-व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। राजधानी पटना समेत राज्य के कई जिलों में लगातार हो रही आपराधिक घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अपराधियों के हौसले बुलंद हैं और उन्हें पुलिस का कोई डर नहीं रह गया है। बीते कुछ महीनों में एक के बाद एक हुईं हत्याएं, गोलीबारी और अपहरण की घटनाओं ने सरकार और प्रशासन की नींद उड़ा दी है।
ताजा मामला पटना के प्रमुख उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या का है, जिसे शुक्रवार की रात अपराधियों ने सरेआम सिर में गोली मार दी। इस घटना ने न सिर्फ पटना बल्कि पूरे राज्य को झकझोर दिया है।
यह पहली बार नहीं है जब राजधानी में इस तरह की वारदात हुई हो। इससे पहले मंत्री अशोक चौधरी के आवास के बाहर, मुजफ्फरपुर, बक्सर और बेगूसराय जैसे जिलों में भी दर्दनाक घटनाएं हो चुकी हैं। आइए डालते हैं नजर हाल के कुछ बड़े आपराधिक मामलों पर:
पटना में उद्योगपति गोपाल खेमका की हत्या
पटना के गांधी मैदान थाना क्षेत्र में रामगुलाम चौक के पास शुक्रवार देर रात बाइक सवार अपराधियों ने जाने-माने उद्योगपति गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी। अपराधियों ने उनके सिर में बिलकुल करीब से गोली मारी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। खेमका हेल्थकेयर, पेट्रोल पंप और रियल एस्टेट से जुड़े एक प्रतिष्ठित कारोबारी थे। उनकी हत्या ने एक बार फिर पटना की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मंत्री अशोक चौधरी के घर के बाहर फायरिंग
कुछ ही दिन पहले बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी के पटना स्थित सरकारी आवास के पास एक युवक पर गोली चलाने की घटना हुई थी। यह घटना राजधानी के VIP इलाके की है, जहां पास ही तेजस्वी यादव का आवास भी है।
हमलावर बाइक पर सवार थे और उन्होंने सुबह के समय राह चलते युवक राहुल पर गोली चलाई, जो सौभाग्यवश बच गया। इस घटना ने राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन को अलर्ट मोड में ला दिया था।
बक्सर में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या
बक्सर जिले के राजपुर प्रखंड के अहियापुर गांव में अपराधियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों को गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना में दो अन्य लोग घायल भी हुए। शुरुआती जांच में जमीन विवाद को वजह बताया गया।
इस वीभत्स घटना से इलाके में दहशत फैल गई और स्थानीय लोगों ने पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया।
मुजफ्फरपुर में युवक की सरेआम गोली मारकर हत्या
मई 2025 में मुजफ्फरपुर जिले के पताही क्षेत्र में समाजसेवी संजय चौधरी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना जगन्नाथ एलपी शाही कॉलेज के पास हुई थी।
अपराधियों ने कॉलेज के सामने ही फायरिंग की, जिससे संजय चौधरी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ। यह घटना भी साफ दर्शाती है कि अपराधी दिनदहाड़े अपराध करने से नहीं डरते।
बेगूसराय में लापता ज्वेलरी कारोबारी की हत्या
इसी शुक्रवार को ही बेगूसराय में एक लापता ज्वेलरी कारोबारी का शव मिला। परिवार का आरोप है कि उसकी हत्या पीट-पीटकर की गई है। कारोबारी कुछ दिन पहले लापता हुआ था, जिसकी गुमशुदगी की शिकायत पहले ही दर्ज कराई जा चुकी थी।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है लेकिन अभी तक किसी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हो सकी है।
पुलिस की विफलता और अपराधियों का बेखौफ रवैया
इन सभी घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि बिहार में अपराधियों के मन से पुलिस और कानून का डर लगभग खत्म हो चुका है। चाहे बात राजधानी की हो या छोटे जिलों की, अपराधी बेखौफ होकर हत्याएं और हमले कर रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि क्या बिहार की पुलिस तंत्र अपनी जिम्मेदारी निभा पा रही है?
पिछले कुछ महीनों में राज्य में अपराध की गति जिस तरह से तेज़ हुई है, उसने आम जनता में डर का माहौल बना दिया है। व्यापारी, छात्र, नौकरीपेशा लोग—हर कोई खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है।