बिहार को मिलेगा पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट, बांका में बनने की तैयारी, केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव

पिछले सप्ताह पटना में आयोजित पूर्वी भारत के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिहार सहित छह राज्यों में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) आधारित परमाणु संयंत्र बनाने की घोषणा की थी।
पटना: बिहार में ऊर्जा उत्पादन को लेकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। राज्य का पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट अब बांका जिले में प्रस्तावित किया गया है। राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में केंद्र सरकार को औपचारिक प्रस्ताव भेज दिया गया है। जैसे ही केंद्र की स्वीकृति मिलेगी, बांका में परमाणु ऊर्जा संयंत्र की स्थापना का काम शुरू हो जाएगा।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के आश्वासन के बाद बढ़ी प्रक्रिया
पिछले सप्ताह पटना में हुए पूर्वी भारत ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बिहार समेत देश के छह राज्यों में स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) तकनीक से परमाणु संयंत्र स्थापित करने की घोषणा की थी। इस पर बिहार के ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बांका में न्यूक्लियर पावर प्लांट की मांग रखी, जिसे केंद्र ने सिद्धांत रूप में स्वीकार कर लिया।
पहले नवादा था विकल्प, अब बांका को प्राथमिकता
इससे पहले राज्य सरकार की योजना नवादा के रजौली क्षेत्र में परमाणु संयंत्र लगाने की थी, लेकिन वहां पानी की सालभर उपलब्धता की समस्या आड़े आ रही थी। दूसरी ओर बांका में गंगा नदी से पानी की सहज आपूर्ति और पहले से मौजूद ऊर्जा परियोजना की अधूरी जमीन के कारण इसे उपयुक्त विकल्प माना गया।
बांका में 500 मेगावाट का प्रस्ताव, केंद्र ने दिए थे 200 मेगावाट के संकेत
हालांकि केंद्र सरकार ने प्रारंभ में बिहार को 200 मेगावाट क्षमता का न्यूक्लियर पावर प्लांट आवंटित करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन राज्य सरकार और बिजली कंपनी ने बांका में 500 मेगावाट की क्षमता वाले संयंत्र की मांग की है। इसके लिए आवश्यक भूमि, जल स्रोत, और आधारभूत ढांचे की व्यवस्था राज्य सरकार की ओर से की जाएगी।
क्यों जरूरी है बांका में न्यूक्लियर पावर प्लांट?
- यह बिहार का पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र होगा।
- गंगा नदी की नजदीकी से सालभर जल आपूर्ति सुनिश्चित।
- ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर राज्य का मजबूत कदम।
- औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन को मिलेगा बढ़ावा।
- परमाणु संयंत्र से स्वच्छ और दीर्घकालिक ऊर्जा उत्पादन संभव।