बख्तियारपुर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार, बचपन की यादों में खोए, बोले- “यही मेरा घर है”

निशांत कुमार ने घाट और पार्क का दौरा किया और आम जनता से मुलाकात कर उनकी राय भी जानी।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार रविवार, 29 जून को अपने पैतृक स्थान बख्तियारपुर पहुंचे। अवसर था स्थानीय स्तर पर विकसित रिवरफ्रंट, सीढ़ी घाट और पार्क के लोकार्पण का। इस दौरान निशांत भावुक नजर आए और उन्होंने अपने बचपन की यादें साझा करते हुए बख्तियारपुर को “अपना घर” बताया।
“दादा-दादी और पापा की स्मृतियों से जुड़ा है यह स्थान”
कार्यक्रम के दौरान निशांत कुमार ने कहा,
“बख्तियारपुर मेरे दादा-दादी और पिता की कर्मभूमि रही है। मेरा भी बचपन यहीं बीता है, यह मेरी आत्मा से जुड़ा हुआ स्थान है। बचपन की ढेरों यादें इसी ज़मीन से जुड़ी हैं।”
उन्होंने उपस्थित लोगों के सामने पारिवारिक लगाव को साझा करते हुए कहा कि यहां आकर उन्हें एक भावनात्मक सुकून महसूस होता है।
गंगा नदी पुनर्जीवन पर पिता की पहल को सराहा
निशांत कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘समग्र नदी विकास योजना’ की तारीफ करते हुए कहा कि बख्तियारपुर से लेकर खांसोरपुर और दादौर तक गंगा नदी की ड्रेजिंग (मिट्टी निकासी) कराई गई है, जिससे नदी की धारा को फिर से जीवंत किया गया है।
उन्होंने कहा,
“यह सिर्फ तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक अहम कदम है। गंगा सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि हमारे समाज की जीवनरेखा है।”
रिवरफ्रंट और घाट बनेगा सामाजिक-सांस्कृतिक केंद्र
स्थानीय स्तर पर बने नए रिवरफ्रंट, घाट और पार्क अब लोगों के लिए सिर्फ धार्मिक अनुष्ठानों का स्थल ही नहीं रहेंगे, बल्कि यह क्षेत्र पर्यटन और सामाजिक आयोजनों के लिए भी उपयोगी साबित होगा।
निशांत ने कहा,
“यह जो कुछ भी बना है, वो केवल कंक्रीट की संरचना नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और परंपरा का जीवंत प्रतीक है।”
स्थानीय जनता ने जताया आभार
इस उद्घाटन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी भी उपस्थित थे। उन्होंने सरकार और निशांत कुमार का आभार व्यक्त किया। लोगों ने कहा कि अब यह इलाका ज्यादा स्वच्छ, सुंदर और उपयोगी बन गया है।
निशांत कुमार ने पार्क और घाट का निरीक्षण भी किया और कहा कि,
“मैं समय-समय पर बख्तियारपुर आता रहूंगा और यहां की प्रगति पर नज़र रखूंगा।”