दिल्ली में क्लासरूम निर्माण घोटाले पर ED का बड़ा एक्शन, 37 ठिकानों पर छापेमारी से मचा हड़कंप

यह कार्रवाई धन शोधन (PMLA) के मामले में की गई, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेताओं समेत कई ठेकेदारों और निजी कंपनियों के परिसरों की तलाशी ली गई।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में 37 ठिकानों पर छापेमारी की। ये छापे दिल्ली सरकार के स्कूलों में क्लासरूम निर्माण घोटाले से जुड़े हैं, जिसमें करीब 2000 करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितताओं का आरोप है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत दर्ज आपराधिक मामले के आधार पर की गई।
कहां-कहां छापेमारी?
सूत्रों के अनुसार, ED की टीमें ठेकेदारों, निजी संस्थाओं और कंपनियों के परिसरों की तलाशी ले रही हैं। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि किसी राजनीतिक नेता के आवास या कार्यालय में भी छापे पड़े हैं या नहीं।
किस मामले में हुई कार्रवाई?
यह कार्रवाई दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 12,748 क्लासरूम के निर्माण में घोटाले के आरोपों को लेकर की गई है। दिल्ली भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा पहले दर्ज FIR के आधार पर ED ने PMLA के तहत केस दर्ज किया और जांच शुरू की।
FIR में किन नेताओं के नाम?
ED की प्राथमिकी में आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया (पूर्व शिक्षा मंत्री) और सत्येंद्र जैन (पूर्व PWD मंत्री) के नाम शामिल हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर बिना टेंडर प्रक्रिया के ठेके दिए और निर्माण लागत को मनमाने तरीके से बढ़ाया।
क्या है क्लासरूम घोटाला?
- दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,748 कक्षाओं के निर्माण में अनियमितता।
- हर क्लास की औसत लागत ₹24.86 लाख, जबकि आमतौर पर यह लागत ₹5 लाख के आसपास होती है।
- कई क्लासरूम समय पर पूरे नहीं हुए और निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठे।
- जहां RCC से मजबूत भवन बनने चाहिए थे, वहां सेमी-पक्के ढांचे तैयार किए गए।
- ठेके आप से जुड़े ठेकेदारों को दिए जाने का आरोप, टेंडर प्रक्रिया का उल्लंघन।
अब तक की जांच
जांच एजेंसियां इस मामले में ठेकेदारों, निजी कंपनियों, इंजीनियरों और सरकारी अधिकारियों से पूछताछ कर रही हैं। कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं और डिजिटल साक्ष्य भी खंगाले जा रहे हैं।