बिहार में वज्रपात का कहर: 24 घंटे में 12 की मौत, सीएम ने की मुआवजे की घोषणा
इससे पहले अप्रैल में भी बिहार में वज्रपात की घटनाओं में 90 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। सबसे ज्यादा 23 मौतें नालंदा जिले में दर्ज की गई थीं।
बिहार में बीते 24 घंटे के दौरान वज्रपात (आकाशीय बिजली गिरने) की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 6 जिलों के 12 लोगों की मौत हो गई है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बक्सर रहा, जहां चार लोगों की जान गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्देश दिया है।
कहां कितने लोगों की मौत हुई?
- बक्सर – 4 मौतें
- पश्चिम चंपारण – 3 मौतें
- कटिहार – 2 मौतें
- कैमूर – 1 मौत
- लखीसराय – 1 मौत
- सीतामढ़ी – 1 मौत
अप्रैल में भी भारी तबाही मचा चुकी है आकाशीय बिजली
इस साल अप्रैल 2025 में भी वज्रपात की घटनाओं ने कहर बरपाया था। केवल उसी महीने में 90 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। सबसे अधिक मौतें नालंदा जिले में दर्ज की गई थीं, जहां 23 लोग आकाशीय बिजली की चपेट में आकर जान गंवा बैठे थे। बिजली गिरने से फसलों और घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा था।
वज्रपात क्यों होता है? क्या होता है इसके पीछे का विज्ञान?
आकाशीय बिजली तब गिरती है जब बादलों में अत्यधिक विद्युत आवेश (चार्ज) जमा हो जाता है और वह अचानक जमीन की ओर प्रवाहित हो जाता है।
- गर्म हवा ऊपर उठकर ठंडी होती है, जिससे बादलों का निर्माण होता है।
- बादल के भीतर तेज हवाओं से पानी की बूंदें और बर्फ के टुकड़े टकराते हैं।
- इस टकराव से इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा होता है – ऊपर का हिस्सा पॉजिटिव, नीचे का हिस्सा नेगेटिव हो जाता है।
- जमीन में पॉजिटिव चार्ज होता है, जो बादल के नेगेटिव चार्ज को खींचता है।
- जब ये चार्ज एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं तो तेज चमक और ध्वनि के साथ बिजली गिरती है, जिसे हम वज्रपात कहते हैं।
सावधानी और सुरक्षा जरूरी
सरकार ने नागरिकों से बिजली गिरने के दौरान घर के अंदर रहने, पेड़ों और खुले मैदान से दूर रहने की अपील की है। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से समय-समय पर चेतावनी जारी की जाती है, जिसका पालन करना जीवन रक्षक हो सकता है।
बिजली गिरने से बचने के लिए करें ये सावधानियां:
- पेड़ों या खुले स्थानों में खड़े न हों
- मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का प्रयोग न करें
- पानी से दूर रहें
- सुरक्षित इमारत में शरण लें
बिहार सरकार वज्रपात की घटनाओं पर लगातार नजर बनाए हुए है और प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।






