बिहार संस्कृत बोर्ड में सुधार, अध्यक्ष झा ने लिया निर्णय

पटना: बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड को अब नई ऊर्जा और दिशा मिलने जा रही है। हाल ही में मृत्यंजय कुमार झा को बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पदभार ग्रहण करते ही उन्होंने संस्कृत शिक्षा को मजबूत करने और इसे मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई अहम घोषणाएं कीं। इस मौके पर बोर्ड के सचिव नीरज कुमार, परीक्षा नियंत्रक उपेंद्र कुमार सहित कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। साथ ही एमएलसी निवेदिता सिंह, अनुरंजन झा और धनेश्वर प्रसाद कुशवाहा ने भी बोर्ड सदस्य के रूप में योगदान किया।
1981 में स्थापित बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड का उद्देश्य राज्य में पारंपरिक भारतीय शिक्षा प्रणाली, संस्कृत भाषा और साहित्य को प्रोत्साहित करना रहा है। वर्तमान में राज्यभर में 648 स्वीकृत संस्कृत विद्यालय इस बोर्ड से संबद्ध हैं, जो मध्यमा (दशवीं) स्तर तक की शिक्षा प्रदान करते हैं।
अपने संबोधन में अध्यक्ष झा ने कहा कि संस्कृत विद्यालयों की स्थिति सुधारना, छात्रों की संख्या बढ़ाना और संसाधनों को सुदृढ़ करना उनकी प्राथमिकता होगी। उन्होंने सभी शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और कर्मचारियों से मिलकर काम करने का आह्वान किया।
घोषित प्रमुख योजनाएं इस प्रकार हैं:
- संस्कृत विद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन की व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।
- पाठ्यक्रम में संशोधन कर गुरुकुल प्रणाली को आधुनिक शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जाएगा।
- डिजिटल संसाधनों का प्रयोग कर बोर्ड की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और गतिशील बनाया जाएगा।
- छात्रों के नामांकन और परीक्षाफल की प्रक्रिया पोर्टल के माध्यम से होगी।
- समय पर सत्र संचालन और परीक्षा आयोजन को प्राथमिकता दी जाएगी।
- संसाधनविहीन और जर्जर भवन वाले विद्यालयों की पहचान कर सरकार से समाधान की पहल होगी।
- संस्कृत को समाज की भाषा बनाने के लिए नि:शुल्क दस दिवसीय “संस्कृत सम्भाषण प्रशिक्षण वर्ग” चलाए जाएंगे।
- अतिक्रमित विद्यालयीय जमीन को मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
अध्यक्ष ने शीघ्र ही एक निरीक्षण टीम बनाने की बात भी कही, जो सभी संस्कृत विद्यालयों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करेगी। उन्होंने संस्कृत शिक्षा को समाज में पुनः प्रतिष्ठा दिलाने के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर कई गणमान्य अतिथियों ने वेद-पाठ और पुष्पगुच्छ के साथ अध्यक्ष का स्वागत किया, जिनमें अमरेश कुमार चौधरी, डॉ. सुमित मंडन, दुर्गानंद झा (IAS), रिता शर्मा, प्रभाकर झा, सुनील कुमार सहित अन्य शामिल रहे।