RJD को नई चुनौती: पप्पू यादव ने कांग्रेस को दी ‘अकेले चुनाव लड़ने’ की सलाह

पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने बुधवार को महागठबंधन को झटका देते हुए बड़ा दावा किया.
बिहार की 13 करोड़ जनता को बचाना है तो कांग्रेस को अकेले चुनाव लड़ना चाहिए। राहुल गांधी EBC, OBC, SC-ST और गरीबों की आवाज हैं.
- चेतावनी भरा स्वर: 40 साल से चली आ रही पुरानी राजनीति बदलो (बिना नाम लिए लालू-नीतीश पर प्रहार)।
- वफादारी का इशारा: कांग्रेस जो फैसला लेगी, मैं उसके साथ खड़ा रहूंगा.
राजनीतिक भूकंप क्यों
- पप्पू यादव का रुतबा:
- 2024 में अपनी ‘जन अधिकार पार्टी’ का कांग्रेस में विलय किया (हालाँकि तकनीकी सदस्यता अधूरी).
- बिहार में ओबीसी-मुस्लिम वोट बैंक में प्रभाव माना जाता है.
- महागठबंधन की दरारें:
- सीटों पर टकराव: 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटें लड़ीं, सिर्फ 19 जीतीं; अब अधिक सीटों की मांग.
- नेतृत्व विवाद: कांग्रेस तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार मानने से इनकार कर रही, जबकि राजद जिद पर अड़ा.
- समय की नजाकत:
- अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव.
- महागठबंधन में राजद, कांग्रेस, वीआईपी, वामदल शामिल; समन्वय कमेटि के तीन दौर की बैठकें भी विवाद नहीं सुलझा सकीं.
कांग्रेस की चुप्पी का मतलब
- आधिकारिक रुख: “हम महागठबंधन से ही लड़ेंगे” (पप्पू के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं).
- अंदरूनी सच: पार्टी में एक धड़ा पप्पू के विचारों से सहमत, मगर राहुल गांधी अभी गठबंधन तोड़ने के पक्ष में नहीं.
पप्पू यादव के इस नए बयान ने साफ कर दिया है कि आने वाले दिनों में बिहार की सियासत में कई बड़े मोड़ देखने को मिल सकते हैं.