मोतिहारी ने बनाया रिकॉर्ड: सड़क हादसों में घायलों की जान बचाने वाले 19 ‘संकल्पमित्र’ सम्मानित

सरकार की ‘गोल्डन आवर’ मुहिम: जिला स्तर पर सर्वाधिक सम्मान पाने वाले पूर्वी चंपारण के नागरिकों ने दिखाई मानवता; जानिए कैसे होती है ‘गुड सेमेरिटन’ की पहचान
पटना: सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान बचाने वाले सामाजिक रूप से जागरूक नागरिकों (गुड सेमेरिटन) को सम्मानित करने की बिहार सरकार की मुहिम में पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) ने अव्वल स्थान हासिल किया है। इस साल 26 जनवरी को हुए राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में जिले के 19 नागरिकों को ‘संकल्पमित्र’ के रूप में पुरस्कृत किया गया.
क्यों है यह मुहिम खास
- ‘गोल्डन आवर’ की अवधारणा: दुर्घटना के बाद के पहले एक घंटे को जीवनरक्षक माना जाता है.
- प्रोत्साहन योजना: घायलों को अस्पताल पहुंचाने वालों को ₹10,000 नकद, प्रमाणपत्र, मोमेंटो व शॉल से सम्मानित किया जाता है.
- समय: गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर राज्य/जिला स्तर पर सम्मान.
जिलेवार प्रदर्शन (26 जनवरी 2025):
- पूर्वी चंपारण (मोतिहारी): 19 सम्मानित
- अरवल: 8 सम्मानित
- अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर, वैशाली: 4-4 सम्मानित
- कुल: 84 नागरिकों को राज्य स्तर पर सम्मान।
(पिछले स्वतंत्रता दिवस पर 91 को सम्मानित किया गया था)
कैसे पहचाने जाते हैं ‘संकल्पमित्र’
सरकार ने मददगारों की पहचान का स्पष्ट तंत्र बनाया है:
- अस्पताल रसीद: घायल को अस्पताल लाने वाले को प्रवेश रसीद दी जाती है.
- पुलिस रिपोर्ट: दुर्घटना की सूचना पुलिस को देने वाले को पावती रसीद मिलती है.
- दस्तावेज़ में शामिल:
- मददगार का नाम, पता, मोबाइल नंबर
- दुर्घटना स्थल, तारीख व समय
- किस प्रकार मदद की गई
- जिला समिति की मंजूरी: इन रसीदों के आधार पर जिला मूल्यांकन समिति (DM, SP, CMO, DTO) अंतिम चयन करती है.
मकसद स्पष्ट:
सड़क सुरक्षा विभाग के अनुसार यह मुहिम दो उद्देश्यों को पूरा करती है:
- मानवीय सहयोग को बढ़ावा: लोग बिना डर या झिझक घायलों की मदद करें.
- सामाजिक जागरूकता: “गोल्डन आवर” में त्वरित सहायता के महत्व को रेखांकित करना.