SIM Swap Fraud: सावधान! SIM स्वैप फ्रॉड से मिनटों में खाली हो सकता है बैंक खाता, जानें बचाव के तरीके

SIM स्वैप फ्रॉड एक ऐसी ही खतरनाक धोखाधड़ी है, जिसमें हैकर्स आपके मोबाइल नंबर को अपने कंट्रोल में लेकर आपके बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया और ईमेल तक पहुंच बना सकते हैं
आज के डिजिटल युग में हमारा मोबाइल नंबर हमारी पहचान, बैंकिंग, और सोशल मीडिया से जुड़ा अहम हिस्सा बन चुका है। लेकिन यही नंबर एक बड़ी साइबर धोखाधड़ी — SIM स्वैप फ्रॉड — का माध्यम बन सकता है। इस फ्रॉड में एक छोटी सी लापरवाही आपकी बैंकिंग डिटेल्स, सोशल मीडिया अकाउंट्स और पर्सनल डेटा को खतरे में डाल सकती है।
SIM स्वैप फ्रॉड क्या है?
जब आप नया फोन या सिम लेते हैं और अपना पुराना नंबर उसमें ट्रांसफर कराना चाहते हैं, तो यह प्रक्रिया मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से होती है। साइबर अपराधी इसी सिस्टम का दुरुपयोग करते हैं।
वे आपकी व्यक्तिगत जानकारी (जैसे जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, स्कूल का नाम आदि) जुटाकर खुद को आप साबित करते हैं और मोबाइल कंपनी से आपके नंबर की दूसरी सिम निकाल लेते हैं। एक बार जब उनका सिम एक्टिवेट हो जाता है, तो आपका सिम बंद हो जाता है और आपका नंबर उनके नियंत्रण में चला जाता है।
SIM स्वैप से क्या नुकसान हो सकता है?
- बैंकिंग OTP और लॉगिन कोड उनके पास पहुंच जाते हैं
- वे आपके बैंक खातों तक पहुंच सकते हैं
- सोशल मीडिया, ईमेल, UPI और वॉलेट अकाउंट्स हैक कर सकते हैं
- आपकी पहचान का दुरुपयोग कर सकते हैं
- फाइनेंशियल और पर्सनल डेटा की चोरी संभव है
2024 में ऐसे हमलों में 1000% से ज्यादा की वृद्धि देखी गई है। यहां तक कि ट्विटर के पूर्व CEO जैक डोर्सी भी इस फ्रॉड के शिकार हो चुके हैं।
SIM स्वैप फ्रॉड से बचने के जरूरी उपाय
1. निजी जानकारी साझा करने से बचें
सोशल मीडिया पर अपने जन्मदिन, स्कूल का नाम, पालतू जानवर आदि जैसी जानकारी पोस्ट न करें — ये पहचान सत्यापन में इस्तेमाल होती हैं।
2. OTP के लिए सिर्फ मोबाइल नंबर पर निर्भर न रहें
Google Authenticator या Microsoft Authenticator जैसे टू-फैक्टर ऐप्स का उपयोग करें।
3. अपने फोन में मजबूत सुरक्षा अपनाएं
पासवर्ड, फिंगरप्रिंट, फेस लॉक और पासकी जैसी बायोमेट्रिक सुरक्षा का उपयोग करें।
4. अचानक सिग्नल गायब हो जाए तो तुरंत सतर्क हों
अगर बिना किसी कारण आपके फोन में नेटवर्क चला जाए, तो यह SIM स्वैप का संकेत हो सकता है।
5. अलर्ट और नोटिफिकेशन पर नज़र रखें
बिना अनुरोध के OTP, बैंक अलर्ट या लॉगिन नोटिफिकेशन मिलें तो तुरंत अपनी कंपनी और बैंक से संपर्क करें।
6. मोबाइल और बैंकिंग सेवा प्रदाताओं के हेल्पलाइन नंबर सेव रखें
ताकि आप किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता ले सकें।