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आयुर्वेदिक तरीकों से करें थायराइड की परेशानी कम, दवाओं से मिल सकती है छुट्टी

अगर आप भी थायराइड की दवा से छुटकारा पाना चाहते हैं और शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाना चाहते हैं, तो इन आयुर्वेदिक उपायों को आजमा सकते हैं।

थायराइड एक ऐसी समस्या है जिससे आजकल लाखों लोग जूझ रहे हैं। हाइपोथायराइडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी) या हाइपरथायराइडिज्म (थायराइड हार्मोन का अधिक स्राव) दोनों ही स्थितियां सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। अधिकतर लोग थायराइड को नियंत्रित करने के लिए जीवनभर दवाएं लेते हैं, लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे प्राकृतिक उपाय मौजूद हैं जो थायराइड को बैलेंस करने में मदद कर सकते हैं और धीरे-धीरे दवाओं पर निर्भरता कम कर सकते हैं।

थायराइड क्या है और क्यों होता है?

थायराइड गर्दन में स्थित एक तितली के आकार की ग्रंथि है, जो T3 (ट्राईआयोडोथायरोनिन) और T4 (थायरोक्सिन) हार्मोन बनाती है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा, वजन और मूड को नियंत्रित करते हैं। जब इन हार्मोनों का संतुलन बिगड़ता है, तो थायराइड की समस्या होती है।

थायराइड के प्रमुख कारण (आयुर्वेद के अनुसार)

  • अनियमित खानपान और पाचन खराब होना
  • तनाव और नींद की कमी
  • आयोडीन की कमी या अधिकता
  • शरीर में विषैले तत्वों (टॉक्सिन्स) का जमाव
  • अनुवांशिक कारण

थायराइड कंट्रोल करने के आयुर्वेदिक उपाय

1. अश्वगंधा – थायराइड हार्मोन को बैलेंस करे

अश्वगंधा एक प्राकृतिक एडाप्टोजेन है जो थायराइड फंक्शन को सुधारता है। यह T3 और T4 हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देता है और तनाव कम करता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • रोजाना सुबह 1 चम्मच अश्वगंधा पाउडर गर्म दूध या पानी के साथ लें।
  • अश्वगंधा की 2 कैप्सूल भी ले सकते हैं।

2. त्रिफला – डिटॉक्स करे और पाचन सुधारे

त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ रखता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • रात को सोने से पहले 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।

3. गुग्गुल (कम्यूनिका मुकुल) – थायराइड फंक्शन बढ़ाए

गुग्गुल में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाते हैं।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • गुग्गुलु चूर्ण (500 mg) दिन में दो बार गर्म पानी के साथ लें।

4. आंवला – इम्यूनिटी बूस्ट करे

आंवला विटामिन C से भरपूर है और थायराइड ग्रंथि को मजबूत बनाता है।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • सुबह खाली पेट आंवला जूस (2 चम्मच) पिएं।
  • आंवला चूर्ण को शहद के साथ ले सकते हैं।

5. नारियल तेल – मेटाबॉलिज्म बढ़ाए

नारियल तेल में MCT (मीडियम-चेन ट्राइग्लिसराइड्स) होते हैं, जो थायराइड फंक्शन को सुधारते हैं।

कैसे इस्तेमाल करें?

  • रोजाना 1 चम्मच नारियल तेल गर्म पानी या दूध में मिलाकर पिएं।

थायराइड में क्या खाएं और क्या न खाएं?

खाने योग्य चीजें:

✅ हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी)
✅ अखरोट, बादाम, काजू
✅ दही, छाछ (प्रोबायोटिक्स)
✅ साबुत अनाज (ज्वार, बाजरा)

न खाएं:

❌ प्रोसेस्ड फूड (नमकीन, चिप्स)
❌ सोया उत्पाद (अधिक मात्रा में)
❌ कच्ची गोभी, ब्रोकली (कम मात्रा में)
❌ चीनी और रिफाइंड तेल

थायराइड कंट्रोल करने के लिए योग और प्राणायाम

  • सर्वांगासन (शोल्डर स्टैंड) – थायराइड ग्रंथि को एक्टिवेट करता है।
  • उज्जायी प्राणायाम – गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
  • कपालभाति – मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है।

थायराइड को पूरी तरह ठीक करने में समय लगता है, लेकिन आयुर्वेदिक उपाय, सही डाइट और योग की मदद से धीरे-धीरे दवाओं की मात्रा कम की जा सकती है। हालांकि, कोई भी उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर या आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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