बिहार नगर पालिका चुनाव की तारीखों का एलान, 28 जून को मतदान, 30 जून को मतगणना
नगर पालिका चुनाव मुख्य रूप से पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण जिलों की छह नगर पंचायतों में कराए जाएंगे। इन क्षेत्रों में वर्तमान निकायों का कार्यकाल 20 अगस्त 2025 को समाप्त हो रहा है
पटना। बिहार में नगर पालिका चुनाव की तारीखों की आधिकारिक घोषणा हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, नामांकन प्रक्रिया 28 मई से प्रारंभ होकर 5 जून तक चलेगी। मतदान 28 जून को होगा, जबकि मतगणना 30 जून को सुबह 8 बजे से शुरू की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है, जो 30 जून तक प्रभावी रहेगी।
तीन जिलों की छह नगर पंचायतों में होंगे चुनाव
इस बार नगर पालिका चुनाव मुख्य रूप से पटना, रोहतास और पूर्वी चंपारण जिलों की छह नगर पंचायतों में कराए जाएंगे। इन क्षेत्रों में वर्तमान निकायों का कार्यकाल 20 अगस्त 2025 को समाप्त हो रहा है, इसी के मद्देनज़र चुनाव कार्यक्रम तय किया गया है।
चुनाव वाले नगर पंचायत:
- पटना जिला: खुसरूपुर, नौबतपुर, विक्रम
- पूर्वी चंपारण: पकरी दयाल, महेशी
- रोहतास जिला: कोचस
चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार है:
- नामांकन: 28 मई से 5 जून (प्रत्येक दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक)
- नामांकन पत्रों की समीक्षा: 6 से 9 जून
- नाम वापसी की अंतिम तिथि: 10 और 12 जून
- अंतिम प्रत्याशी सूची का प्रकाशन: 13 जून
- मतदान: 28 जून (सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक)
- मतगणना: 30 जून (सुबह 8 बजे से)
हर मतदान केंद्र पर तीन ईवीएम मशीनें लगाई जाएंगी, जिनसे मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद और वार्ड पार्षद के लिए मतदान कराया जाएगा।
उपचुनाव भी होंगे आयोजित
इसके अतिरिक्त, राज्य के तीन जिलों – बांका, सिवान और गया – के कुछ नगर निकायों में उपचुनाव कराए जाएंगे।
उपचुनाव वाले निकाय:
- बांका नगर परिषद
- सिवान का मैरवा नगर पंचायत
- गया का खिजरसराय नगर पंचायत
इन क्षेत्रों में कुल 3 मुख्य पार्षद, 3 उपमुख्य पार्षद और 45 वार्ड पार्षदों के लिए चुनाव होंगे। वहीं, बोधगया नगर परिषद में रिक्त उपमुख्य पार्षद के पद पर भी मतदान कराया जाएगा।
राजनीतिक सरगर्मी तेज, तैयारियों को मिला रफ्तार
चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही राज्य में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों ने प्रचार-प्रसार और रणनीति तैयारियों में तेजी ला दी है। नगर पालिका चुनाव न केवल स्थानीय प्रशासन के स्वरूप को तय करते हैं, बल्कि यह राज्य स्तर की राजनीति की दिशा को भी प्रभावित करते हैं।
अब देखना होगा कि जनता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है और कौन से प्रत्याशी जनता का भरोसा जीतने में सफल होते हैं।






