चुनाव आयोग पर विपक्ष का हमला: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के गंभीर आरोप
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति तेज हो गई है। रविवार को औरंगाबाद में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव ने संयुक्त रैली में चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि आयोग भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है और मतदाता सूची में गड़बड़ी करके चुनाव नतीजों को प्रभावित किया जा रहा है।
राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग विपक्षी नेताओं पर सख्ती करता है, लेकिन भाजपा नेताओं से सवाल नहीं करता। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा, “चुनाव आयोग मुझसे हलफनामा मांगता है, लेकिन जब अनुराग ठाकुर वही बात कहते हैं, तो उनसे कोई हलफनामा नहीं लिया जाता।”
उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद कुछ ही महीनों में आयोग ने “जादुई तरीके से” एक करोड़ नए मतदाता जोड़ दिए। राहुल के अनुसार, “जहां भी नए वोटर बने, वहां भाजपा को जीत मिली। हमारे वोट कम नहीं हुए, लेकिन भाजपा को सारे नए मतदाता मिले। जब हमने आयोग से स्पष्टीकरण और सीसीटीवी फुटेज मांगा तो हमें कुछ भी उपलब्ध नहीं कराया गया।”
राहुल गांधी ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि भाजपा और चुनाव आयोग ने मिलकर वोट चोरी की है।
तेजस्वी यादव का बयान
वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा जब ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग का इस्तेमाल कर भी विपक्ष को नहीं रोक पाई, तो अब उसने चुनाव आयोग का सहारा लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि, “SIR के जरिए बिहार में मतदाताओं की सूची में हेरफेर की जा रही है और वोट चुराने का खेल चल रहा है। यह भाजपा की डबल इंजन सरकार का बड़ा चुनावी घोटाला है।”
चुनाव आयोग की सफाई
इन आरोपों के बाद चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विपक्ष के दावों को खारिज किया। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी को अपने आरोपों को साबित करने के लिए सात दिन के भीतर हलफनामा देना होगा। ऐसा न करने पर उनसे देश से माफी मांगी जाएगी। आयोग का कहना है कि बिना सबूत लगाए गए आरोपों को गंभीरता से नहीं लिया जा सकता।






