बिहार विधानसभा चुनाव 2025: दरौली सीट पर किसका होगा कब्जा? जानें अब तक का चुनावी इतिहास और जातीय समीकरण
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, दरौली विधानसभा सीट पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यह सीट सिवान जिले में स्थित है और बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से एक अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीट है। दरौली सीट, सिवान लोकसभा क्षेत्र की 6 विधानसभा सीटों में आती है।
वर्तमान स्थिति:
इस समय दरौली सीट पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) [CPI(ML)] का कब्जा है। यहां से मौजूदा विधायक सत्यदेव राम हैं, जिन्होंने लगातार दो बार—2015 और 2020—में इस सीट पर जीत दर्ज की है।
पिछले चुनावों का आंकलन:
- 2020 विधानसभा चुनाव:
सत्यदेव राम (CPI-ML) ने 81,067 वोटों के साथ जीत हासिल की थी।
भाजपा के रामायण मांझी 68,948 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। - 2015 विधानसभा चुनाव:
सत्यदेव राम (CPI-ML) ने 49,576 वोट प्राप्त कर जीत दर्ज की थी।
भाजपा के रामायण मांझी 39,992 वोटों के साथ फिर से दूसरे स्थान पर रहे।
राजद के परमात्मा राम 37,345 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
जातीय समीकरण और मतदाता आंकड़े:
दरौली विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,20,063 पंजीकृत मतदाता हैं। इस सीट पर कई प्रभावशाली जातीय समूह मौजूद हैं, जिनमें:
- यादव समुदाय सबसे बड़ी संख्या में हैं — लगभग 37,127 मतदाता, जो चुनावी परिणाम में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
- राजपूत मतदाताओं की संख्या लगभग 29,765 है।
- मुस्लिम समुदाय की भी प्रभावशाली जनसंख्या है, जो कि परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
जनसुराज पार्टी की एंट्री से बढ़ी रोचकता:
इस बार चुनावी मैदान में प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज भी है, जो राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है। ऐसे में दरौली सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो सकता है, क्योंकि पारंपरिक दलों के अलावा एक नई चुनौती सामने है।






