तेजस्वी यादव EPIC नंबर विवाद :चुनाव आयोग ने फिर मांगा वोटर ID, 8 अगस्त तक जमा करने का अल्टीमेटम
चुनाव आयोग ने तेजस्वी यादव को पत्र भेजकर कहा है कि वे 8 अगस्त 2025 तक अपना वोटर ID जमा करें, ताकि मामले की जांच आगे बढ़ सके।
पटना: बिहार की राजनीति में एक नया विवाद गरमा गया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव EPIC नंबर विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। चुनाव आयोग ने उनसे दोबारा उनका वोटर ID (EPIC कार्ड) मांगा है। आयोग ने उन्हें 8 अगस्त 2025 तक दस्तावेज जमा करने का अंतिम मौका दिया है।
जांच में सहयोग नहीं, आयोग ने उठाया सख्त कदम
निर्वाचन आयोग ने यह कदम तब उठाया जब तेजस्वी यादव ने आयोग द्वारा पहले भेजे गए नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इससे पहले भी आयोग ने उनसे EPIC कार्ड की जानकारी मांगी थी, लेकिन RJD नेता ने कोई दस्तावेज नहीं सौंपा। अब आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि वे इस बार भी जानकारी नहीं देते, तो मामला गंभीर हो सकता है।
क्या है EPIC नंबर विवाद?
तेजस्वी यादव ने 2 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि उनका नाम विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के तहत बनी मसौदा मतदाता सूची से गायब है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है। लेकिन जब उन्होंने लाइव डेमो में मोबाइल से अपना EPIC नंबर चेक किया, तो स्क्रीन पर “कोई रिकॉर्ड नहीं मिला” का संदेश आया।
आयोग ने दावों को किया खारिज
चुनाव आयोग ने तेजस्वी के दावों को नकारते हुए कहा कि जिस EPIC नंबर का उन्होंने जिक्र किया, वह कभी आधिकारिक रूप से जारी ही नहीं हुआ। दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी ने उन्हें पत्र भेजकर मूल EPIC कार्ड जमा करने को कहा है ताकि विस्तृत जांच की जा सके।
दो EPIC नंबर रखने का आरोप
पटना के जिला अधिकारी त्यागराज एस.एम. ने भी तेजस्वी के दावों को खारिज करते हुए कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने जो EPIC नंबर दिया था, वही अभी भी वैध है। अगर उनके पास कोई दूसरा EPIC नंबर है, तो यह गंभीर मामला बनता है, क्योंकि एक व्यक्ति के पास दो वोटर ID होना कानूनन गलत है।
पुलिस में शिकायत दर्ज
इस विवाद के बीच एक स्थानीय नागरिक ने तेजस्वी यादव के खिलाफ दीघा थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में दो EPIC नंबर रखने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने यह मामला जांच के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय को भेज दिया है। यदि आयोग से निर्देश मिला, तो FIR भी दर्ज की जा सकती है।
विपक्षी गठबंधन की मुश्किलें बढ़ीं
तेजस्वी के इस पूरे मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई है। एनडीए नेताओं ने इसे विपक्षी गठबंधन ‘I.N.D.I.A.’ की रणनीति बताते हुए कहा कि हार के डर से विपक्ष अब ‘बहानेबाज़ी’ करने में जुटा है।
आगे क्या?
अब सभी की नजरें निर्वाचन आयोग के अगले कदम पर हैं। तेजस्वी यादव अगर 8 अगस्त तक EPIC कार्ड जमा नहीं करते हैं, तो न केवल यह विवाद और बढ़ेगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई की संभावना भी बन सकती है। यह मामला बिहार की सियासत में एक नया मोड़ ला सकता है।






