बिहार कैबिनेट बैठक: PT टीचर्स, रसोइयों और नाइट गार्ड्स के मानदेय में दोगुनी बढ़ोतरी, 36 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी योजना के लिए 94 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए, शहरी आयोजना स्कीम नियमावली 2026 पास हुई, मद्य निषेध विभाग में 18 नए पद बनाए गए और औरंगाबाद में उद्योग के लिए 284 करोड़ रुपये की जमीन अधिग्रहण मंजूर हुई। कृषि विभाग में 712 पदों का सृजन भी हुआ।
बिहार सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और शिक्षा से जुड़े कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए कई अहम फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में कुल 36 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। इनमें सबसे अहम फैसला पीटी टीचर्स, स्कूल रसोइयों और नाइट गार्ड्स के मानदेय में भारी बढ़ोतरी का रहा।
मानदेय में ऐतिहासिक बढ़ोतरी: कौन कितना पाएगा?
सरकार ने जिन श्रेणियों के कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की है, उनके विवरण इस प्रकार हैं:
पीटी टीचर्स (शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षक)
- पहले मानदेय: ₹8,000 प्रतिमाह
- अब बढ़कर हुआ: ₹16,000 प्रतिमाह
- हर वर्ष होने वाली वृद्धि अब ₹200 से बढ़कर ₹400 होगी, यानी सालाना वेतन वृद्धि भी दोगुनी।
मिड डे मील रसोइया
- पहले मानदेय: ₹1,650 प्रतिमाह
- अब बढ़कर हुआ: ₹3,300 प्रतिमाह
- इस फैसले से स्कूलों में काम करने वाले हजारों रसोइयों को सीधा लाभ मिलेगा।
नाइट गार्ड (रात्रिकालीन सुरक्षाकर्मी)
- पहले मानदेय: ₹5,000 प्रतिमाह
- अब बढ़कर हुआ: ₹10,000 प्रतिमाह
इन सभी संशोधित दरों को 1 अगस्त 2025 से लागू किया जाएगा, जिससे संबंधित कर्मियों को उसी महीने से इसका सीधा फायदा मिलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कर चुके थे एलान
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मानदेय बढ़ाने की योजना को पहले ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर सार्वजनिक किया था। उन्होंने स्पष्ट किया था कि सरकार जल्द ही इससे संबंधित प्रस्तावों को कैबिनेट से मंजूरी देगी, जो अब औपचारिक रूप से पास हो चुका है।
शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की तैयारी: डिजिटल लाइब्रेरी योजना को स्वीकृति
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री डिजिटल लाइब्रेरी योजना को भी हरी झंडी दे दी है। इस योजना के तहत राज्यभर में डिजिटल पढ़ाई को बढ़ावा देने के लिए ₹94 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी गई है। इस योजना से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण डिजिटल सामग्री और संसाधनों तक आसान पहुंच मिलेगी।
परिवहन और नियमन से जुड़े फैसले
कैबिनेट ने बिहार परिवहन क्षेत्रीय आशुलिपिक संवर्ग नियमावली 2025 के गठन को मंजूरी दी है। इसके ज़रिए राज्य के परिवहन विभाग में स्टेनोग्राफर (आशुलिपिक) जैसे पदों की नियुक्ति और सेवाओं को व्यवस्थित किया जाएगा।
शहरी योजना और निषेध विभाग से जुड़े अहम प्रस्ताव
- बिहार शहरी आयोजना स्कीम नियमावली 2026 को स्वीकृति दी गई है, जिससे राज्य के शहरी विकास कार्यों को दिशा मिलेगी।
- मद्य निषेध और उत्पाद विभाग के अंतर्गत सहरसा और नालंदा के हिलसा न्याय मंडलों में कार्रवाई के लिए 18 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है। यह कदम राज्य में शराबबंदी कानून के बेहतर क्रियान्वयन में मददगार होगा।
औद्योगिक विकास: औरंगाबाद में जमीन अधिग्रहण को हरी झंडी
राज्य सरकार ने औरंगाबाद जिले के कुटुंबा अंचल में औद्योगिक परियोजनाओं के लिए ₹284 करोड़ रुपये से अधिक की मंजूरी दी है। इस राशि का उपयोग वहां जमीन अधिग्रहण के लिए किया जाएगा। यह कदम स्थानीय उद्योगों के विस्तार और रोजगार सृजन में सहायक होगा।
कृषि विभाग को मिला बल: 712 नए पदों का सृजन
कृषि क्षेत्र में कामकाज को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने कृषि विभाग में कुल 712 नए पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। इन पदों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कृषि सेवाएं मजबूत होंगी।






