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पूर्व CM शिबू सोरेन का निधन, झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक, अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे PM

नई दिल्ली/रांची: झारखंड की राजनीति और जनआंदोलनों के एक युग का अंत हो गया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक शिबू सोरेन का सोमवार को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वे 81 वर्ष के थे और पिछले एक महीने से ब्रेन स्ट्रोक और किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। राज्य सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

अस्पताल पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी

शिबू सोरेन के निधन की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर गंगा राम अस्पताल पहुंचे और परिजनों से मिलकर शोक संवेदना प्रकट की। बीते सप्ताह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी अस्पताल जाकर उनका हालचाल जाना था। उनके बेटे और राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन लगातार उनके स्वास्थ्य पर नजर रखे हुए थे।

<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। दुख की इस घड़ी में उनके परिजनों से मिलकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उनका पूरा जीवन जनजातीय समाज के कल्याण के लिए समर्पित रहा, जिसके लिए वे सदैव याद किए जाएंगे।<a href="https://twitter.com/HemantSorenJMM?ref_src=twsrc%5Etfw">@HemantSorenJMM</a> <a href="https://twitter.com/JMMKalpanaSoren?ref_src=twsrc%5Etfw">@JMMKalpanaSoren</a> <a href="https://t.co/ts5X0C3EiM">pic.twitter.com/ts5X0C3EiM</a></p>&mdash; Narendra Modi (@narendramodi) <a href="https://twitter.com/narendramodi/status/1952289358930694152?ref_src=twsrc%5Etfw">August 4, 2025</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

लंबी बीमारी के बाद ली अंतिम सांस

शिबू सोरेन को जून 2025 में ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान किडनी की समस्याएं भी बढ़ीं और उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। लगातार प्रयासों के बावजूद सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे

शिबू सोरेन का राजनीतिक जीवन प्रेरणादायक रहा। वे 2005, 2008 और 2009 में तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने, हालांकि कभी भी पूरा कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। इसके अलावा वे 1980 से 2019 तक झारखंड की दुमका लोकसभा सीट से सांसद भी रहे और वर्तमान में राज्यसभा सांसद थे।

‘दिशोम गुरु’ और आदिवासी अधिकारों की आवाज

शिबू सोरेन को झारखंड में ‘दिशोम गुरु’ यानी ‘जनजातीय नेता’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्होंने आदिवासी अधिकारों के लिए कई आंदोलनों का नेतृत्व किया, जिनमें सबसे प्रमुख था ‘धनकटनी आंदोलन’, जिसके तहत उन्होंने महाजनों और साहूकारों के शोषण के खिलाफ आदिवासी समुदाय को संगठित किया।

अलग झारखंड राज्य के गठन में निभाई अहम भूमिका

शिबू सोरेन की अगुवाई में JMM ने झारखंड को बिहार से अलग कर स्वतंत्र राज्य के रूप में स्थापित करने में निर्णायक भूमिका निभाई। वे झारखंडी अस्मिता, भाषा और संस्कृति के रक्षक रहे।

पार्थिव शरीर को लाया जाएगा झारखंड

पूर्व मुख्यमंत्री का पार्थिव शरीर आज शाम तक रांची लाया जाएगा, जहां आमजन अंतिम दर्शन कर सकेंगे। अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

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