EPIC नंबर विवाद में घिरे तेजस्वी यादव, दो वोटर ID को लेकर चुनाव आयोग ने शुरू की जांच
बिहार की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर दो अलग-अलग मतदाता पहचान पत्र (EPIC नंबर) रखने का आरोप सामने आया। अब इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
तेजस्वी ने लगाया वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप
शनिवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए तेजस्वी यादव ने दावा किया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान जारी की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में उनका नाम नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर EPIC नंबर RAB2916120 डालकर सर्च किया, जिसके जवाब में “नो रिकॉर्ड फाउंड” लिखा आया। तेजस्वी ने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया।
आयोग ने दी सफाई: वैध EPIC नंबर है RAB0456228
तेजस्वी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब देते हुए कहा कि उनका नाम पूरी तरह वैध तरीके से वोटर लिस्ट में मौजूद है। आयोग के मुताबिक, तेजस्वी का असली EPIC नंबर RAB0456228 है, और वे मतदान केंद्र संख्या 204 पर क्रमांक 416 के तहत पंजीकृत हैं। यही EPIC नंबर उनके 2015 और 2020 के चुनावी हलफनामों में भी दर्ज है।
जिस EPIC नंबर का दावा किया, वह रिकॉर्ड में नहीं
तेजस्वी द्वारा दिखाया गया EPIC नंबर RAB2916120 आयोग के रिकॉर्ड में पिछले 10 वर्षों में कभी जारी नहीं हुआ। इस वजह से आशंका जताई जा रही है कि यह EPIC नंबर फर्जी या अवैध रूप से तैयार किया गया हो सकता है। आयोग अब यह भी जांच कर रहा है कि कहीं आरजेडी कार्यालय से और भी फर्जी वोटर कार्ड तो नहीं बनाए गए।
फर्जी EPIC नंबर निकला तो होगी सख्त कार्रवाई
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि दूसरा EPIC नंबर अवैध साबित होता है, तो यह जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत एक गंभीर अपराध माना जाएगा। इसके तहत तेजस्वी यादव के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई संभव है।
सियासी विरोधियों ने साधा निशाना
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस पूरे प्रकरण को एक “चुनावी घोटाला” बताते हुए तेजस्वी पर निशाना साधा है। सम्राट चौधरी ने कहा, “तेजस्वी ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोटाले का सबूत पेश कर दिया है। इसकी निष्पक्ष और कठोर जांच होनी चाहिए।”
नीरज कुमार ने तो IPC की धारा 171F के तहत तेजस्वी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और उनके वोटिंग अधिकारों को अस्थायी रूप से निलंबित करने की भी मांग कर दी है।






