PM फसल बीमा में बदलाव: देरी पर राज्य को 12% ब्याज, किसान को सीधा फायदा
नई दिल्ली:केंद्र सरकार ने किसानों के हित में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) में महत्वपूर्ण संशोधन करते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। अब यदि कोई राज्य सरकार बीमा प्रीमियम में अपनी हिस्सेदारी नहीं देती है, तो उस राज्य को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ वह राशि चुकानी होगी, और यह पैसा सीधे किसानों के खातों में भेजा जाएगा। यह जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में दी।
क्यों जरूरी था ये बदलाव?
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि यह फैसला आंध्र प्रदेश में हुई एक बड़ी चूक के बाद लिया गया। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती जगन मोहन रेड्डी सरकार लगातार तीन वर्षों तक फसल बीमा प्रीमियम में राज्य की हिस्सेदारी नहीं दे पाई, जिससे हजारों किसानों को बीमा का लाभ नहीं मिल पाया और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा।
PMFBY में क्या-क्या हुए हैं बदलाव?
- ✅ अब केंद्र सरकार अपना हिस्सा समय पर देगी, चाहे राज्य सरकार दे या नहीं।
- ✅ राज्य सरकार के योगदान में देरी होने पर 12% ब्याज लगाया जाएगा।
- ✅ वह ब्याज की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जाएगी।
- ✅ बीमा क्लेम का निपटान अब 21 दिनों के अंदर अनिवार्य होगा।
- ✅ यह कदम राज्य सरकारों की राजनीतिक निष्क्रियता और देरी से किसानों को बचाने के लिए उठाया गया है।
हनुमान बेनीवाल ने उठाया था मुद्दा
राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने संसद में यह सवाल उठाया था कि आखिर किसानों को बीमा का पूरा लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा। इसके जवाब में कृषि मंत्री ने न सिर्फ सुधारों की जानकारी दी बल्कि राज्यों को स्पष्ट संदेश भी दिया कि अब कोई देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
- किसानों को अब राज्य सरकार की अनदेखी का खामियाज़ा नहीं भुगतना पड़ेगा।
- बीमा की राशि और ब्याज सीधे खाते में पहुंचने से पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी।
- इस फैसले से किसानों का सरकार पर विश्वास बढ़ेगा और बीमा योजना में भागीदारी भी अधिक होगी।






