भाई वीरेंद्र की वायरल ऑडियो पर मचा सियासी तूफान, BJP ने लालू यादव को बताया ‘असली चेहरा’
Bihar Politics 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की आहट के बीच सियासी गर्मी तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के विधायक भाई वीरेंद्र की एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है। इस क्लिप में विधायक पंचायत सचिव को धमकाते सुने जा सकते हैं। अब भाजपा ने इस मुद्दे को दलितों के अपमान से जोड़ते हुए राजद और लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला है।
भाई वीरेंद्र की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल: जूते मारने की दी धमकी
मनेर से आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र का एक ऑडियो सामने आया है, जिसमें वे अपने क्षेत्र के एक पंचायत सचिव से तीखे शब्दों में बात करते हुए नजर आ रहे हैं। मामला एक महिला रिंकी देवी के पति के मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ा है। जब विधायक ने इसके स्टेटस की जानकारी मांगी, तो सचिव ने पहचानने से इनकार कर दिया, जिससे बहस इतनी बढ़ गई कि भाई वीरेंद्र ने सचिव को “जूता मारने” की धमकी दे डाली।
BJP का तीखा हमला: ‘भाई वीरेंद्र तो मोहरा हैं, लालू असली चेहरा’
भाजपा ने इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक पोस्टर अभियान चलाते हुए बीजेपी ने कहा कि:
“बिहार में दलितों के अपमान के पीछे असली चेहरा लालू यादव हैं, भाई वीरेंद्र तो सिर्फ मोहरा हैं।”
बीजेपी द्वारा साझा किए गए पोस्टर में एक व्यंग्यात्मक चित्र है, जिसमें लिखा है:
**”लालू की पाठशाला में सिखाया जाता है – जूते का सही उपयोग:दलितों को पीटना और खुद पहनना।
<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="hi" dir="ltr">बिहार में दलितों के अपमान व दलितों के ख़िलाफ़ हिंसा का-भाई वीरेंद्र तो मोहरा है। <br><br>लालू यादव असली चेहरा हैं। <a href="https://t.co/fXz514YMO4">pic.twitter.com/fXz514YMO4</a></p>— BJP Bihar (@BJP4Bihar) <a href="https://twitter.com/BJP4Bihar/status/1950398444285178307?ref_src=twsrc%5Etfw">July 30, 2025</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
तेज प्रताप यादव का बागी रुख: RJD को घेरा
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने भी इस मुद्दे पर अपनी ही पार्टी को घेर लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा:
“क्या RJD अपने विधायक भाई वीरेंद्र पर कार्रवाई करेगी? उन्होंने SC-ST समाज के खिलाफ शर्मनाक टिप्पणी की। मुझे तो साजिश के तहत बाहर कर दिया गया, अब देखना है क्या पार्टी दलित विरोधी बयान पर भी सख्ती दिखाएगी?”
उन्होंने संविधान के सम्मान की बात करते हुए कहा कि उसे केवल भाषणों में नहीं, बल्कि आचरण में दिखाना चाहिए।
पूरा मामला क्या है?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भाई वीरेंद्र ने पटना जिले के एक पंचायत सचिव से एक महिला के पति के मृत्यु प्रमाण पत्र के बारे में जानकारी मांगी। सचिव ने उन्हें पहचानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद बात इतनी बिगड़ गई कि विधायक ने उसे गाली-गलौज और मारने की धमकी दे दी।






