बिहार वोटर लिस्ट विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, कहा– ‘अगर 65 लाख नाम हटे, तो तुरंत करेंगे हस्तक्षेप’
नई दिल्ली: बिहार की मतदाता सूची (Voter List) से 65 लाख नामों के संभावित विलोपन को लेकर दायर याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर यह साबित होता है कि बड़ी संख्या में नामों को सूची से बाहर किया गया है, तो सुप्रीम कोर्ट तत्काल हस्तक्षेप करेगा।
इस मामले में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, प्रशांत भूषण और गोपाल शंकरनारायणन याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए। वहीं, चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी ने पक्ष रखा।
SC का स्पष्ट निर्देश: लाओ 15 लोग जो साबित करें कि वे जीवित हैं
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर बड़े स्तर पर वोटर लिस्ट से नाम हटे हैं, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। 15 लोगों को लाकर बताइए कि वे जीवित हैं और फिर भी उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया है।”
चुनाव आयोग ने दलील दी कि लोगों को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 30 दिन का समय दिया गया है और इस दौरान वे अपना नाम फिर से जुड़वा सकते हैं।
65 लाख नाम गायब? कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने उठाए सवाल
वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि “चुनाव आयोग ने 65 लाख नामों को हटाने की बात कैसे कही? क्या उनके पास इसका प्रमाण है? क्या वे जानते हैं कि ये लोग मर चुके हैं या स्थानांतरित हो गए हैं?”
वहीं, प्रशांत भूषण ने कहा कि आयोग की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक ये 65 लाख नाम या तो मृत घोषित कर दिए गए हैं या फिर वे लोग स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके हैं।
चुनाव आयोग की सफाई: मसौदा सूची प्रकाशित कर दी गई है
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2025 की मसौदा वोटर लिस्ट (Draft Voter List) पहले ही प्रकाशित की जा चुकी है और राजनीतिक दलों को इसकी सूचना दे दी गई है। आयोग ने कहा कि जिनका नाम गायब है, वे तय समय में आपत्ति दर्ज करवा सकते हैं।
SC की चेतावनी: असमान्य प्रक्रिया की स्थिति में होगा हस्तक्षेप
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “हम यह मानते हैं कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और वह कानूनी प्रक्रिया का पालन करेगी। लेकिन अगर अधिसूचना या सूची में कोई अनियमितता मिली तो हम हस्तक्षेप करने से पीछे नहीं हटेंगे।”
भूषण का तर्क: बिना जानकारी लोग नाम कैसे जुड़वाएं?
प्रशांत भूषण ने कहा कि जो लोग ड्राफ्ट सूची में नहीं हैं, वे यह कैसे जानेंगे कि उनका नाम हट चुका है? उन्हें फिर से आवेदन करना होगा, लेकिन उन्हें इसकी जानकारी कैसे मिलेगी? उन्होंने यह भी कहा कि आयोग ने जनवरी 2025 की लिस्ट को आधार मानकर आगे की प्रक्रिया शुरू की है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: क्या वोटर लिस्ट बनेगी विवाद का मुद्दा?
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है, और ऐसे में वोटर लिस्ट से 65 लाख नामों का गायब होना एक गंभीर राजनीतिक और संवैधानिक मुद्दा बन सकता है।






