नीतीश कुमार को झटका: JDU के कद्दावर नेता कुणाल अग्रवाल कांग्रेस में हुए शामिल
पटना : बिहार की सियासत में एक बार फिर बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उस वक्त बड़ा झटका लगा जब जनता दल यूनाइटेड (JDU) के कद्दावर नेता और प्रदेश महासचिव कुणाल अग्रवाल ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया। यह घटनाक्रम राज्य की राजनीति में संभावित बदलाव की ओर संकेत करता है।
रविवार को पटना स्थित सदाकत आश्रम, जो कि बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का मुख्यालय है, वहां आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कुणाल अग्रवाल ने सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने उन्हें पार्टी में शामिल किया।
कांग्रेस में शामिल होने के क्या मायने हैं?
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी कृष्णा अल्लावारू ने कहा कि कुणाल अग्रवाल जैसे ऊर्जावान, जमीनी और जनाधार वाले नेता का पार्टी में शामिल होना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि बिहार में परिवर्तन की हवा चल पड़ी है। उन्होंने कहा कि कुणाल जैसे नेताओं की मौजूदगी से पार्टी को बूथ स्तर तक मजबूती मिलेगी।
प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कुणाल को “तेजतर्रार, लोकप्रिय और सामाजिक न्याय के पक्षधर नेता” बताते हुए कहा कि उनका अनुभव कांग्रेस के लिए एक बड़ी पूंजी साबित होगा। उन्होंने यह भी बताया कि कुणाल अग्रवाल जेडीयू के पूर्व प्रदेश महासचिव रहने के साथ-साथ युवा जेडीयू में झारखंड प्रभारी, राष्ट्रीय महासचिव और कोषाध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं।
कुणाल अग्रवाल ने क्या कहा?
कांग्रेस में शामिल होते हुए कुणाल अग्रवाल ने कहा:
“आज देश और प्रदेश को एक नई सोच, युवाओं की भागीदारी, रोजगार के अवसर और सामाजिक न्याय की जरूरत है। कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो हर वर्ग और समाज को साथ लेकर चलती है। मुझे इसकी विचारधारा और राहुल गांधी के नेतृत्व से प्रेरणा मिली, इसीलिए मैंने कांग्रेस का हाथ थामने का निर्णय लिया।”
उन्होंने आगे कहा कि अब उनका लक्ष्य है कि वे कांग्रेस के विचारों को घर-घर तक पहुंचाएं और बिहार में एक सकारात्मक परिवर्तन का हिस्सा बनें।
कौन हैं कुणाल अग्रवाल?
कुणाल अग्रवाल का नाम बिहार की राजनीति में बनिया समाज के एक सशक्त प्रतिनिधि के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने हमेशा जमीनी राजनीति की और युवाओं के बीच गहरी पकड़ बनाई। रजौली विधानसभा क्षेत्र में वे बेहद लोकप्रिय हैं और पूर्व में सत्ता पक्ष के प्रमुख रणनीतिकार माने जाते थे।
उनके कांग्रेस में शामिल होने से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बनिया समुदाय और युवा वर्ग में कांग्रेस की पकड़ मजबूत हो सकती है, जो आगामी चुनाव में पार्टी के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस में आए
यह केवल एक नेता का पार्टी बदलना भर नहीं था। इस अवसर पर सैकड़ों युवा कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस की सदस्यता ली, जिससे यह साफ संकेत मिल रहा है कि कुणाल अग्रवाल के इस निर्णय का असर व्यापक है। इससे जेडीयू में भीतरघात की आशंका और कांग्रेस में नए उत्साह का संचार हुआ है।






