तेज प्रताप यादव का कोई अस्तित्व नहीं, तेजस्वी के सामने RJD में किसी की औकात नहीं: मंगनी लाल मंडल
मंडल ने खैरा प्रखंड में आयोजित अतिपिछड़ा सम्मेलन के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, “तेज प्रताप को छह वर्षों के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है। जो हमारी पार्टी में नहीं है, उसके बारे में क्या कह सकते हैं? पार्टी कैसे टिकट देगी?”
जमुई: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि तेज प्रताप यादव का पार्टी में कोई अस्तित्व नहीं है और उन्हें आगामी चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा।
प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल ने कहा, “तेजस्वी यादव के सामने आरजेडी में किसी की कोई औकात नहीं है। तेज प्रताप को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जा चुका है, ऐसे में उन्हें टिकट कैसे दिया जा सकता है?” उन्होंने यह भी कहा कि अगर तेज प्रताप आरजेडी की टोपी पहन भी रहे हैं, तो इससे कुछ नहीं होने वाला, क्योंकि अब वे पार्टी के सदस्य ही नहीं हैं।
यह बयान मंगनी लाल मंडल ने जमुई जिले के खैरा प्रखंड मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया। कार्यक्रम में समाजसेवी एवं हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज साह ने आरजेडी की सदस्यता ली। इस मौके पर आयोजित “अति पिछड़ा सम्मान समारोह” में मंडल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
बीजेपी-जेडीयू पर साधा निशाना
मंच से संबोधित करते हुए मंगनी लाल मंडल ने बीजेपी और जेडीयू पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीबों के वोट जानबूझकर काटे जा रहे हैं। “जो लोग सरकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं, उनके नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं, और यह सब बीजेपी-जेडीयू की मिलीभगत से हो रहा है,” मंडल ने कहा।
उपराष्ट्रपति धनखड़ के इस्तीफे पर भी प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अटकलों पर भी मंगनी लाल मंडल ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “यह स्थिति इंदिरा गांधी के दौर की याद दिलाती है, जब मोरारजी देसाई से उप प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा लिया गया था।” मंडल ने आरोप लगाया कि धनखड़ से रात 9:30 बजे इस्तीफा लिया गया, जो लोकतांत्रिक मर्यादाओं के खिलाफ है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत बताया।
मंगनी लाल मंडल के इस बयान से आरजेडी के अंदरूनी हालात और तेज प्रताप यादव की स्थिति को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। वहीं, तेजस्वी यादव को पार्टी में सर्वोच्च मानने वाले गुट को इससे बल मिलने की संभावना है।






