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संसद कैंटीन में सेहत का स्वाद: ज्वार-रागी से लेकर सत्तू-चिकन तक, सांसदों के लिए नया हेल्दी मेन्यू तैयार

नई दिल्ली:लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने संसद भवन में सांसदों, अधिकारियों और आगंतुकों की सेहत को प्राथमिकता देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब संसद की कैंटीन में तला-भुना, ज्यादा चीनी और सोडे वाले पेय की जगह पौष्टिक और संतुलित आहार परोसा जाएगा। मेन्यू में अब मोटे अनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी और चने से बने व्यंजन प्रमुखता से शामिल होंगे।

क्या-क्या मिलेगा अब संसद की थाली में?

संसद की कैंटीन में अब जो खास हेल्दी फूड मेन्यू तैयार किया गया है, उसमें स्वाद और सेहत दोनों का खास ख्याल रखा गया है। कैलोरी की गणना के साथ सभी व्यंजन पौष्टिकता से भरपूर होंगे।

मोटे अनाज से बने व्यंजन:

  • रागी-बाजरा इडली सांबर और चटनी के साथ (270 किलोकैलोरी)
  • ज्वार उपमा (206 किलोकैलोरी)
  • मिश्रित बाजरा खीर – बिना चीनी के (161 किलोकैलोरी)

हेल्दी स्नैक्स और सलाद:

  • चना चाट, मूंग दाल चीला
  • जौ-ज्वार सलाद (294 किलोकैलोरी)
  • गार्डन फ्रेश सलाद (113 किलोकैलोरी)
  • तुलसी का शोरबा, भुने टमाटर का सूप, और अन्य गरम सूप

प्रोटीन से भरपूर विकल्प (मांसाहारी):

  • ग्रिल्ड चिकन – उबली सब्जियों के साथ (157 किलोकैलोरी)
  • ग्रिल्ड फिश – सब्जियों के साथ (378 किलोकैलोरी)

स्वस्थ पेय विकल्प:

  • ग्रीन टी, हर्बल टी
  • मसाला सत्तू, गुड़ वाला आम पन्ना
    (ये सब अब कोल्ड ड्रिंक्स और मीठी मिठाइयों की जगह लेंगे)

उद्देश्य – स्वस्थ सांसद, असरदार संसद

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का मानना है कि “स्वस्थ जीवनशैली ही अच्छे नेतृत्व और निर्णय का आधार है।” इसी सोच के साथ यह नया फूड मेन्यू तैयार किया गया है ताकि सांसद और अधिकारी लंबे सत्रों के दौरान ऊर्जा से भरपूर और स्वस्थ रहें।

उन्होंने कहा कि सत्रों के दौरान सांसदों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है, ऐसे में संतुलित और हल्का भोजन उन्हें न केवल चुस्त रखेगा बल्कि मानसिक स्पष्टता भी बनाए रखेगा।

मोटे अनाज को बढ़ावा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्यता

यह पहल संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष’ घोषित किए जाने की पृष्ठभूमि में और भी प्रासंगिक हो जाती है। संसद के नए मेन्यू में उन्हीं अनाजों को प्रमुखता दी गई है – जैसे ज्वार, बाजरा, रागी – जो पोषक तत्वों में भरपूर हैं और भारत की पारंपरिक कृषि व्यवस्था का हिस्सा रहे हैं।

सिर्फ भोजन नहीं, स्वास्थ्य के और भी कदम

संसद परिसर में सांसदों के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच शिविर, डायटीशियन की सलाह, और फिटनेस से जुड़े लेक्चर का आयोजन पहले से होता रहा है। अब इसे और सुदृढ़ करते हुए लोकसभा सचिवालय ने केंद्र सरकार की कई योजनाओं को संसद में भी लागू करने की कोशिश की है, जैसे:

  • फिट इंडिया मूवमेंट
  • पोषण अभियान
  • ईट राइट इंडिया
  • खेलो इंडिया मिशन
  • राष्ट्रीय गैर-संचारी रोग रोकथाम कार्यक्रम (NP-NCD)

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