भारत-अमेरिका ‘मिनी ट्रेड डील’ अंतिम चरण में, भारतीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में कर रहा बातचीत

‘मिनी ट्रेड डील’ से दोनों देशों के बीच व्यापार को वर्तमान $190 बिलियन से बढ़ाकर 2030 तक $500 बिलियन करने का लक्ष्य है।
नई दिल्ली:भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित ‘मिनी ट्रेड डील’ (Mini Trade Deal) पर बातचीत अब निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है। दोनों देशों के बीच जारी इस समझौते को सितंबर 2025 तक अंतिम रूप देने की तैयारी है। इसी दिशा में भारत से एक उच्च स्तरीय वार्ताकारों की टीम पांचवें राउंड की बातचीत के लिए अमेरिका पहुंच गई है।
वाणिज्य मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने पुष्टि की है कि बातचीत दोनों देशों की नेतृत्व-स्तरीय टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) के आधार पर की जा रही है। हालांकि समझौते में किस प्रकार के टैरिफ रेट्स या कस्टम ड्यूटी छूट शामिल होगी, इस पर अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
व्यापारिक रिश्तों को नई ऊंचाई देने की तैयारी
भारत और अमेरिका इस बाइलेटरल ट्रेड एग्रीमेंट (BTA) के जरिए अपने द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 190 अरब डॉलर से बढ़ाकर 2030 तक 500 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रख रहे हैं।इस दिशा में 13 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच इस समझौते पर बातचीत तेज करने को लेकर सहमति बनी थी।
भारत से अमेरिका को निर्यात में आई तेज़ी
वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2025 तिमाही में भारत से अमेरिका को एक्सपोर्ट 22.16% की दर से बढ़ा है।पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 20.89 अरब डॉलर था, जबकि इस साल की पहली तिमाही में यह 25.51 अरब डॉलर पहुंच गया।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत का कुल निर्यात (गुड्स + सर्विसेज) 210.31 अरब डॉलर रहा, जो कि पिछले वर्ष की पहली तिमाही 198.52 अरब डॉलर से करीब 5.94% अधिक है।
चीन को पीछे छोड़, अमेरिका बना प्रमुख बाज़ार
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के निर्यात में यह वृद्धि ऐसे समय पर हुई है जब अमेरिका ने चीन समेत 25 से अधिक देशों पर नए टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होंगे।इसका सीधा लाभ भारत को मिल सकता है और भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाज़ार में नई संभावनाएं मिल रही हैं।
क्या है ‘मिनी ट्रेड डील’ का मकसद?
- टैरिफ में कटौती और नॉन-टैरिफ बाधाओं को हटाना
- फार्मा, टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, आईटी जैसे क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा
- दोनों देशों के उद्योगों के लिए स्थायी व्यापार ढांचा तैयार करना
- सेवाओं और डिजिटल व्यापार को सरल बनाना
अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी: अधिकारी
सरकारी सूत्रों ने मीडिया में टैरिफ स्ट्रक्चर से जुड़ी चर्चाओं को लेकर स्पष्ट कहा है कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाज़ी होगी।बातचीत लगातार जारी है और समझौते का अंतिम स्वरूप जल्द सामने आने की उम्मीद है।