बिहार में बीजेपी की चुनावी तैयारी तेज: PM मोदी का 18 जुलाई को चौथा दौरा, 3 दर्जन सीटों पर नज़र

प्रधानमंत्री मोदी 18 जुलाई को पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में जनसभा को संबोधित करेंगे।
बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर राज्य का दौरा करने जा रहे हैं। यह दौरा न सिर्फ चुनावी महत्व रखता है, बल्कि इसमें 24 विधानसभा सीटों को साधने की रणनीति भी शामिल है।
18 जुलाई को मोतिहारी में रैली, 3 दर्जन सीटों को साधने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी 18 जुलाई को पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में जनसभा को संबोधित करेंगे। यह इस साल बिहार का उनका चौथा दौरा है—पिछले 4 महीनों में लगातार। इससे पहले वे अप्रैल में मधुबनी, मई में पटना और जून में सीवान का दौरा कर चुके हैं।
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बताया कि इस जनसभा में पूर्वी चंपारण सहित आसपास के कुल 24 विधानसभा क्षेत्रों से लोगों की भागीदारी होगी। इसके जरिए पार्टी राज्य की करीब तीन दर्जन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
क्यों खास है पूर्वी चंपारण का यह दौरा?
पूर्वी चंपारण न केवल ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बीजेपी का मजबूत गढ़ रहा है। 2020 के विधानसभा चुनाव में जिले की 12 सीटों में से 8 पर बीजेपी और 1 पर जेडीयू को जीत मिली थी। आरजेडी को यहां 3 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
यह क्षेत्र नेपाल सीमा से सटा हुआ है और इसके आसपास के जिले—सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर और गोपालगंज—भी बीजेपी के प्रभाव क्षेत्र माने जाते हैं। इन जिलों की कुल 24 विधानसभा सीटों में से अधिकतर पर 2020 में एनडीए ने जीत हासिल की थी।
2020 के आंकड़े क्या कहते हैं?
- पूर्वी चंपारण (12 सीटें): एनडीए – 9, महागठबंधन – 3
- सीतामढ़ी (8 सीटें): एनडीए – 6, महागठबंधन – 2
- शिवहर (1 सीट): एनडीए – 1
- मुजफ्फरपुर (11 सीटें): एनडीए – 6, महागठबंधन – 5
- गोपालगंज (6 सीटें): एनडीए – 4, महागठबंधन – 2
मुजफ्फरपुर जिले की कुछ सीटों पर दोनों गठबंधनों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। कुछ सीटें उपचुनाव में बदली भी गईं—जैसे बोचहां और कुर्हानी, जहां आरजेडी को बढ़त मिली थी लेकिन बाद में बीजेपी ने वापसी की।
चंपारण: बीजेपी का परंपरागत गढ़
पूर्वी और पश्चिम चंपारण को मिलाकर कुल 21 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 2020 में एनडीए ने 17 सीटों पर कब्जा जमाया था। अकेले बीजेपी को इनमें 15 सीटों पर जीत मिली थी। यही वजह है कि बीजेपी नेतृत्व ने पीएम मोदी की रैली के लिए मोतिहारी को चुना है, ताकि यहां की पकड़ और मजबूत की जा सके।
सत्ता विरोधी लहर से निपटने की रणनीति
एनडीए ने पिछले चुनाव में भले ही बहुमत हासिल किया हो, लेकिन मुकाबला बेहद कड़ा रहा था। इस बार महागठबंधन और मजबूत होकर मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में बीजेपी के रणनीतिकार पीएम मोदी की लोकप्रियता को आगे कर जनता के बीच अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में हैं।
ताबड़तोड़ दौरे और प्रचार वाहन रवाना
बीजेपी ने रैली से पहले माहौल बनाने के लिए प्रचार वाहन तैयार किए हैं जो अलग-अलग क्षेत्रों में भेजे जा रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि लोगों तक सीधा संपर्क बनाया जाए और पीएम मोदी की योजनाओं और भाषण के जरिए चुनावी लहर को पार्टी के पक्ष में मोड़ा जा सके।