बिहार वोटर लिस्ट सत्यापन: चुनाव आयोग ने दी अंतिम तारीखों की जानकारी, अब 1 सितंबर तक दे सकते हैं दस्तावेज

आयोग ने स्पष्ट किया कि 1 सितंबर 2024 तक मतदाता अपने दस्तावेज जमा कर सकते हैं, जबकि गणना फॉर्म (Enumeration Form) 25 जुलाई 2024 तक भरना अनिवार्य होगा।
पटना: बिहार में मतदाता सूची के सघन सत्यापन अभियान को लेकर चुनाव आयोग ने महत्वपूर्ण जानकारी जारी की है। मतदाता 1 सितंबर तक आवश्यक दस्तावेज जमा कर सकते हैं, जबकि गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन मतदाताओं के नाम 2003 की मतदाता सूची में पहले से शामिल हैं, उन्हें कोई नया दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए एक शुद्ध और त्रुटिरहित मतदाता सूची बनाना आवश्यक है।
दस्तावेज जमा करने और नाम दर्ज कराने की महत्वपूर्ण तिथियां
- गणना फॉर्म जमा करने की अंतिम तिथि: 25 जुलाई 2025
- आवश्यक दस्तावेज जमा करने की अंतिम तिथि: 1 सितंबर 2025
- नाम जोड़ने या सुधार कराने की अंतिम तिथि: 1 सितंबर 2025
वोटर सूची में नाम जोड़ने या सुधार की सुविधा
चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे सत्यापन प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करें ताकि मतदाता सूची पूरी तरह सटीक और विश्वसनीय हो। नाम जोड़ने या सुधार के लिए मतदाता ऑनलाइन पोर्टल के साथ-साथ अपने नजदीकी मतदान केंद्र पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
इस संबंध में मतदाता किसी भी जानकारी के लिए चुनाव आयोग द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।
बिहार के मतदाता सूची का विवरण
बिहार में कुल 7.90 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें से लगभग 5 करोड़ के नाम 2003 की मतदाता सूची में शामिल हैं। इसलिए लगभग 3 करोड़ मतदाताओं को दस्तावेज जमा करना आवश्यक है। सत्यापन अभियान में अब तक करीब 60 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने गणना फॉर्म भरकर जमा करा दिए हैं, जिससे चुनाव आयोग उत्साहित है।
चुनाव आयोग का आश्वासन
चुनाव आयोग ने कहा है कि वह हमेशा मतदाताओं के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रहा है और रहेगा। मतदाता सूची के संदर्भ में किसी भी प्रकार के भ्रम और गलतफहमी को दूर करने के लिए आयोग समय-समय पर स्पष्ट जानकारी प्रदान करता रहेगा।