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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का बड़ा संगठनात्मक दांव: 52 नए जिला प्रभारियों की नियुक्ति

पार्टी मुख्यालय प्रभारी अरविंद सिंह द्वारा जारी सूची में सभी 52 संगठनात्मक जिलों के प्रभारियों के नाम शामिल हैं।

पटना, 11 जुलाई: बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा ने संगठनात्मक बड़ा कदम उठाते हुए 52 जिला प्रभारियों की नियुक्ति की है। प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई का उद्देश्य चुनावी मैदान में पार्टी की जमीनी पकड़ मजबूत करना है। पार्टी मुख्यालय प्रभारी अरविंद सिंह द्वारा जारी सूची में सभी 52 संगठनात्मक जिलों के प्रभारियों के नाम शामिल हैं।

प्रमुख नियुक्तियों का विवरण

क्रिटिकल जिलों की कमान

जिलाप्रभारीराजनीतिक महत्व
पटना महानगरप्रेम रंजन चतुर्वेदीराजधानी, 8 विधानसभा सीटें
भोजपुर (आरा)राजेश सिन्हानीतीश-मोदी की सीट
किशनगंजराज कुमार रायअल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र
अररियाविजय शंकर चौधरीसीमावर्ती जिला, RJD गढ़
मधेपुरादिवाकर सिंहLJP (RV) का प्रभाव क्षेत्र

अन्य प्रमुख जिले

  • मोतिहारी: वरुण सिंह
  • गोपालगंज: दीपेंद्र सर्राफ
  • सीतामढ़ी: संजीव पांडेय
  • वैशाली उत्तरी: अरविंद सिंह
  • मुजफ्फरपुर पूर्वी: रमेश श्रीवास्तव
  • सुपौल: अनुरंजन झा

रणनीतिक महत्व

  1. OBC/EBC फोकस:
    • 42% प्रभारी पिछड़ा वर्ग समुदाय से, जो बिहार की 63% आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  2. लोकसभा सफलता का विस्तार:
    • 2024 में NDA ने बिहार की 40 में से 30 सीटें जीती थीं। इसे विधानसभा में दोहराना लक्ष्य।
  3. गठबंधन प्रबंधन:
    • जदयू के साथ गठबंधन के बावजूद भाजपा का स्वतंत्र संगठनात्मक नेटवर्क मजबूत करना।

प्रभारियों की भूमिका

  • सेतु कार्य: जिला कार्यकर्ताओं और प्रदेश नेतृत्व के बीच समन्वय।
  • चुनावी तैयारी:
    • बूथ-स्तरीय कमेटियों को सक्रिय करना
    • स्थानीय मुद्दों पर रणनीति बनाना
    • विपक्ष (RJD-कांग्रेस) की कमजोरियों का विश्लेषण
  • डिजिटल अभियान: युवा मतदाताओं तक सोशल मीडिया के माध्यम से पहुँच।

क्षेत्रवार नियुक्तियाँ

उत्तरी बिहार

जिलाप्रभारी
सुपौलअनुरंजन झा
मधुबनीअर्जुन सहनी
दरभंगा पूर्वीराजीव रंजन

दक्षिणी बिहार

जिलाप्रभारी
गया पूर्वीसुरेशा शर्मा
औरंगाबादमनोज कुशवाहा
कैमूरअशोक साह

आगे की रणनीति

  • 15 जुलाई तक: सभी प्रभारियों की बैठक में चुनावी रोडमैप तैयार करना।
  • अगस्त तक: प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50-सदस्यीय टीम गठित करना।
  • सितंबर तक: वोटर लिस्ट सत्यापन में पार्टी कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना।

राजनीतिक प्रभाव

  • विपक्ष पर दबाव: RJD के 79 और कांग्रेस के 19 विधायकों वाली महागठबंधन सरकार को चुनौती।
  • जातीय समीकरण: भाजपा द्वारा यादव (14%) और कोइरी (8%) समुदायों में नेतृत्व को बढ़ावा।
  • नीतीश कुमार के साथ तालमेल: जदयू के साथ सीट बंटवारे से पूर्व संगठन को मजबूती देना।

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