बिहार में वोटर लिस्ट को लेकर सियासी तूफान: राहुल-तेजस्वी-पप्पू आज करेंगे ‘शक्ति प्रदर्शन’

महागठबंधन ने इस मुद्दे पर बुधवार (10 जुलाई) को राज्यव्यापी चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। इस आंदोलन में राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव अग्रणी भूमिका निभाएंगे।
पटना – बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष पुनरीक्षण को लेकर सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, RJD नेता तेजस्वी यादव और सांसद पप्पू यादव इस प्रक्रिया को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं। महागठबंधन ने इसे पक्षपातपूर्ण बताते हुए बुधवार को राज्यव्यापी चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन का एलान किया है।
राहुल गांधी सुबह 9:30 बजे पटना के इनकम टैक्स गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक पदयात्रा करेंगे। वहीं, पूर्णिया से सांसद पप्पू यादव सचिवालय हॉल्ट पर रेल जाम कर विरोध दर्ज कराएंगे।
क्या है मामला?
24 जून को चुनाव आयोग ने बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण का आदेश दिया था। अब तक 97.42% मतदाताओं तक फॉर्म पहुंच चुका है। आयोग की योजना के अनुसार:
- 25 जुलाई तक जांच प्रक्रिया पूरी करनी है,
- 1 अगस्त को पहली लिस्ट जारी होगी,
- 1 सितंबर तक दावे-आपत्तियों के बाद,
- 30 सितंबर को अंतिम सूची प्रकाशित होगी।
महागठबंधन के आरोप: पक्षपात और जल्दबाज़ी
तेजस्वी यादव ने इस प्रक्रिया को अव्यवहारिक बताया। उन्होंने कहा कि बाढ़ और बारिश के मौसम में इतने बड़े पैमाने पर सत्यापन संभव नहीं है। साथ ही उन्होंने आधार, जॉब कार्ड और मनरेगा कार्ड को पहचान दस्तावेज के रूप में मान्यता देने की मांग की।
विपक्ष का आरोप है कि यह कवायद एक खास वर्ग को निशाना बनाकर ‘पिछले दरवाजे से NRC’ लागू करने की साजिश है। प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने पर भी सवाल उठाए गए हैं।
कई दलों का समर्थन, NDA का पलटवार
इस आंदोलन को RJD, कांग्रेस, CPI, CPM, CPI-ML, VIP, AIMIM और जन सुराज जैसे दलों का समर्थन मिला है। प्रशांत किशोर ने इसे “वोटबंदी” का नाम दिया है।
वहीं, चुनाव आयोग ने सफाई दी है कि वह नियमों के अनुसार काम कर रहा है और केवल मृत, स्थानांतरित या पलायन कर चुके वोटरों की पहचान की जा रही है। आयोग ने कहा कि स्थानीय स्तर पर नाम जोड़ने की सुविधा भी दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले सड़कों पर प्रदर्शन
महागठबंधन की इस विरोध रैली को आगामी 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई से पहले राजनीतिक दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
सियासी बयानबाज़ी तेज
- तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया, “यह प्रक्रिया गरीबों और कमजोर वर्गों को वोट से वंचित करने की साजिश है।”
- उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने पलटवार किया, “विपक्ष बेवजह का शोर मचा रहा है।”
- JDU प्रवक्ता राजीव रंजन ने इसे ‘राजनीतिक नाटक’ बताया।