बिहार बंद का राज्यभर में दिखा असर: NH-31 से लेकर कॉलेज मोड़ तक प्रदर्शन, RJD विधायकों ने संभाला मोर्चा

राजधानी पटना से सटे बाढ़ अनुमंडल में बिहार बंद का खासा असर देखा गया। यहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कार्यकर्ताओं ने जल गोविंद चौक पर प्रदर्शन करते हुए NH-31 को पूरी तरह जाम कर दिया।
पटना: बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ INDIA गठबंधन के आह्वान पर बुधवार को हुए बिहार बंद का असर सुबह से ही दिखने लगा। बाढ़ और शेखपुरा समेत कई जिलों में प्रदर्शनकारियों ने NH-31 को जाम कर दिया, जिससे यातायात ठप हो गया। राजद, कांग्रेस और वामदल के नेताओं ने आरोप लगाया कि यह पुनरीक्षण दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश है।
कहाँ-कहाँ हुआ प्रदर्शन?
- बाढ़ में NH-31 जाम
- राजद कार्यकर्ताओं ने जल गोविंद चौक पर सड़क जाम कर दी।
- पूर्व जिला प्रवक्ता मिथलेश यादव के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने “निर्वाचन आयोग मुर्दाबाद” के नारे लगाए।
- पुलिस ने स्थिति पर नजर बनाई, लेकिन प्रदर्शन जारी रहा।
- शेखपुरा में चक्का जाम
- राजद विधायक विजय सम्राट ने कॉलेज मोड़ पर टायर जलाकर विरोध किया।
- उन्होंने आरोप लगाया—“मोदी सरकार गरीबों का वोटिंग अधिकार छीन रही है।”
- अन्य जगहों पर हंगामा
- सीपीआई, भाकपा माले, VIP के कार्यकर्ता भी सड़कों पर उतरे।
- कई जगहों पर टायर जलाकर और नारेबाजी कर विरोध दर्ज किया गया।
विरोध की वजह क्या?
- 25 जुलाई तक पूरा होने वाले वोटर लिस्ट पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का आरोप:
- जल्दबाजी में काम हो रहा है, मानसून में लोगों तक पहुँचना मुश्किल।
- प्रवासी मजदूरों के नाम काटे जा रहे हैं।
- आधार और मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेजों को नहीं माना जा रहा।
- दलित-पिछड़ों को टारगेट किया जा रहा है।
राजद नेता मिथलेश यादव ने कहा—“यह NRC जैसी साजिश है। अगर नहीं रुका, तो संसद तक आंदोलन चलेगा!”
सरकार और चुनाव आयोग का जवाब
- चुनाव आयोग ने कहा है कि प्रक्रिया पारदर्शी है और 97% फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं।
- NDA ने विपक्ष पर राजनीतिक ड्रामा करने का आरोप लगाया।
आगे क्या?
- विपक्ष 10 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा।
- अगर पुनरीक्षण नहीं रुका, तो बड़े आंदोलन की तैयारी है।