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Bihar: मानसून सत्र से पहले हो सकता है मोदी कैबिनेट का विस्तार, बिहार को मिल सकती है बड़ी हिस्सेदारी

नई दिल्ली/पटना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल की शुरुआत के साथ ही मंत्रिमंडल विस्तार की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी अपने कैबिनेट का पहला विस्तार कर सकते हैं। इस विस्तार में चुनावी राज्यों, विशेषकर बिहार, असम और बंगाल के नेताओं को प्रतिनिधित्व देने की संभावना है। कैबिनेट में इस समय 9 पद खाली हैं, जिन्हें भरे जाने की तैयारी है।

81 मंत्रियों की सीमा, अभी 71 हैं मंत्री

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस समय केंद्र सरकार में 71 मंत्री कार्यरत हैं, जिनमें 30 कैबिनेट मंत्री, 5 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री और 36 राज्य मंत्री शामिल हैं। संविधान के मुताबिक, केंद्र सरकार में मंत्री संख्या लोकसभा की कुल सीटों (543) के 15% से अधिक नहीं हो सकती, जो अधिकतम 81-82 मंत्री बनती है। इसी हिसाब से फिलहाल 9 मंत्री पद खाली हैं।

बिहार से उपेंद्र कुशवाहा को मिल सकती है जगह

इस कैबिनेट विस्तार में बिहार से उपेंद्र कुशवाहा का नाम सबसे आगे माना जा रहा है। वे राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा उन्हें मंत्री बनाकर बिहार में कुशवाहा समाज को साधने की रणनीति पर काम कर रही है, खासकर आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए।

पहले भी मोदी कैबिनेट में रह चुके हैं कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा 2014 से 2018 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री रह चुके हैं। 2018 में उन्होंने कैबिनेट और एनडीए से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन अब उनकी मोदी कैबिनेट में वापसी लगभग तय मानी जा रही है।

फिलहाल बिहार से आठ मंत्री केंद्र में

2024 में बनी मोदी 3.0 सरकार में बिहार से 8 नेताओं को मंत्री बनाया गया था। इनमें चार कैबिनेट मंत्री हैं:

  • जीतन राम मांझी
  • चिराग पासवान
  • ललन सिंह
  • गिरिराज सिंह

और चार राज्य मंत्री:

  • रामनाथ ठाकुर
  • सतीश चंद्र दुबे
  • राजभूषण चौधरी निषाद
  • नित्यानंद राय

क्यों हो रहा है कैबिनेट विस्तार?

  • चुनावी रणनीति: 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए NDA सरकार जातिगत समीकरण को मजबूत करने के लिए नए मंत्रियों को शामिल कर सकती है।
  • राज्यों पर फोकस: बिहार के अलावा पश्चिम बंगाल, असम जैसे राज्यों के नेताओं को भी प्राथमिकता दी जा सकती है।

कब हो सकता है ऐलान?

माना जा रहा है कि जुलाई के पहले सप्ताह में ही मंत्रिमंडल विस्तार की घोषणा हो सकती है, ताकि मानसून सत्र (22 जुलाई से) से पहले नए मंत्री अपनी जिम्मेदारियां संभाल सकें।

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