बिहार राजनीति: जदयू कार्यालय में अब नीतीश के साथ नजर आएंगे मोदी, NDA एकता का साफ संकेत

पोस्टरों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी को एक साथ दिखाया गया है, जिससे यह संदेश दिया गया है कि एनडीए गठबंधन में एकता बरकरार है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जदयू ने बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। पार्टी के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लगाई गई हैं। यह पहली बार है जब जदयू ने औपचारिक रूप से अपने दफ्तर में मोदी की तस्वीरों को प्रमुखता से स्थान दिया है, जिसे NDA में मजबूत एकता का संकेत माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
- जदयू ने 2024 में फैसला लिया था कि पार्टी के पोस्टरों में सिर्फ नीतीश कुमार की तस्वीरें होंगी।
- अब यह नीति बदल दी गई है और मोदी-नीतीश की साझा तस्वीरें पार्टी कार्यालय में लगाई गई हैं।
- इन पोस्टरों में “लग रहे उद्योग, मिल रहा रोजगार, फिर से NDA सरकार” और “महिलाओं की जय-जयकार, फिर से NDA सरकार” जैसे नारे शामिल हैं।
राजनीतिक महत्व
- यह कदम 2025 के चुनाव से पहले NDA गठबंधन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा लग रहा है।
- विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा था कि जदयू NDA में होकर भी मोदी के साथ खुलकर नहीं आ रही। अब यह तस्वीरें इस आरोप का जवाब हैं।
- “डबल इंजन सरकार” के मैसेज को फिर से उभारा गया है, जिसमें केंद्र और राज्य की योजनाओं को प्रमुखता दी गई है।
नीतीश-मोदी का लंबा राजनीतिक सफर
- नीतीश कुमार का भाजपा के साथ गठबंधन दो दशकों से अधिक पुराना है, हालांकि बीच में वे महागठबंधन (RJD-कांग्रेस) का हिस्सा भी रहे।
- 2020 में फिर से NDA में शामिल होने के बाद यह पहला मौका है जब जदयू ने इतने खुले तौर पर मोदी की तस्वीरों को प्रचारित किया है।
विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया?
- RJD और कांग्रेस ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
- विपक्ष यह सवाल उठा सकता है कि क्या जदयू भाजपा के साथ पूरी तरह सहमत है, या यह सिर्फ चुनावी समझौता है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जदयू ने बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। पार्टी के पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ लगाई गई हैं। यह पहली बार है जब जदयू ने औपचारिक रूप से अपने दफ्तर में मोदी की तस्वीरों को प्रमुखता से स्थान दिया है, जिसे NDA में मजबूत एकता का संकेत माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
- जदयू ने 2024 में फैसला लिया था कि पार्टी के पोस्टरों में सिर्फ नीतीश कुमार की तस्वीरें होंगी।
- अब यह नीति बदल दी गई है और मोदी-नीतीश की साझा तस्वीरें पार्टी कार्यालय में लगाई गई हैं।
- इन पोस्टरों में “लग रहे उद्योग, मिल रहा रोजगार, फिर से NDA सरकार” और “महिलाओं की जय-जयकार, फिर से NDA सरकार” जैसे नारे शामिल हैं।
राजनीतिक महत्व
- यह कदम 2025 के चुनाव से पहले NDA गठबंधन को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा लग रहा है।
- विपक्ष लगातार यह सवाल उठा रहा था कि जदयू NDA में होकर भी मोदी के साथ खुलकर नहीं आ रही। अब यह तस्वीरें इस आरोप का जवाब हैं।
- “डबल इंजन सरकार” के मैसेज को फिर से उभारा गया है, जिसमें केंद्र और राज्य की योजनाओं को प्रमुखता दी गई है।
नीतीश-मोदी का लंबा राजनीतिक सफर
- नीतीश कुमार का भाजपा के साथ गठबंधन दो दशकों से अधिक पुराना है, हालांकि बीच में वे महागठबंधन (RJD-कांग्रेस) का हिस्सा भी रहे।
- 2020 में फिर से NDA में शामिल होने के बाद यह पहला मौका है जब जदयू ने इतने खुले तौर पर मोदी की तस्वीरों को प्रचारित किया है।
विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया?
विपक्ष यह सवाल उठा सकता है कि क्या जदयू भाजपा के साथ पूरी तरह सहमत है, या यह सिर्फ चुनावी समझौता है।
RJD और कांग्रेस ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम चुनावी रणनीति का हिस्सा है।