तेजस्वी यादव का बड़ा दावा: “बिहार में NDA सरकार बदलते ही वक्फ कानून को कूड़ेदान में फेंक देंगे”

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर राज्य में महागठबंधन की सरकार बनी तो वक्फ अधिनियम को “कूड़ेदान में फेंक” दिया जाएगा।
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उपाध्यक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को गांधी मैदान में आयोजित ‘वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ’ रैली में बड़ा बयान देते हुए कहा कि अगर बिहार में महागठबंधन (MGB) की सरकार बनती है, तो केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ अधिनियम को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार अब बिहार में अपना बहुमत खोने वाली है।
“लालू जी के नेतृत्व में पूरा विरोध करेंगे”
तेजस्वी ने कहा, “हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि RJD इस कानून का पूरी ताकत से विरोध करेगा। हमारे सांसदों ने संसद के दोनों सदनों में इसका विरोध किया और अदालत का दरवाजा भी खटखटाया है।” उन्होंने आगे कहा कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला है और इसे महागठबंधन की सरकार बनते ही खत्म कर दिया जाएगा।
“बीजेपी समझे कि देश किसी की बपौती नहीं”
तेजस्वी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, “आजादी हिंदुओं, मुसलमानों, सिखों और ईसाइयों सभी के बलिदान से मिली थी। बीजेपी को यह नहीं भूलना चाहिए कि देश किसी एक पार्टी या परिवार की जागीर नहीं है।” उन्होंने मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हो रहे “संदिग्ध बदलाव” पर भी सवाल उठाया और कहा कि यह मुस्लिम मतदाताओं को वोट के अधिकार से वंचित करने की साजिश है।
सलमान खुर्शीद ने बिहार को याद किया
कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि यह रैली सिर्फ वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि देश के लोकतंत्र और बहुलवादी संस्कृति को बचाने के लिए है। उन्होंने याद दिलाया कि उनका बचपन पटना में बीता था, जब उनके दादा डॉ. जाकिर हुसैन बिहार के राज्यपाल थे।
कौन-कौन थे मौजूद?
रैली में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी और सैयद नासिर हुसैन, निर्दलीय सांसद राजेश रंजन (पप्पू यादव) और AIMIM के बिहार प्रमुख अख्तरुल ईमान भी शामिल हुए। इस रैली को बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन की ताकत दिखाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या है वक्फ विवाद?
केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ अधिनियम में मुस्लिम धार्मिक संपत्तियों (वक्फ बोर्ड) के प्रबंधन में सरकारी हस्तक्षेप बढ़ाने का प्रावधान है, जिसे विपक्ष “मुस्लिम अधिकारों पर हमला” बता रहा है। RJD और कांग्रेस का आरोप है कि यह कानून संवैधानिक संरचना को कमजोर करने की साजिश है।