बिहार: जहानाबाद में दलित महिला SI से छेड़छाड़ का मामला, आरोपी एएसआई निलंबित

महिला सब-इंस्पेक्टर ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी पहली पोस्टिंग जहानाबाद में हुई थी और उसी दौरान उन्हें इस भयावह अनुभव का सामना करना पड़ा।
जहानाबाद, बिहार – बिहार के जहानाबाद ज़िले से पुलिस विभाग की गरिमा को शर्मसार करने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। एक प्रशिक्षु दलित महिला सब-इंस्पेक्टर (SI) ने अपने ही विभाग के एएसआई (ASI) मानस पांडे पर छेड़छाड़, धमकी और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इस मामले में ज़िला पुलिस अधीक्षक (SP) विनीत कुमार ने तत्काल प्रभाव से आरोपी एएसआई को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता एक प्रशिक्षु महिला सब-इंस्पेक्टर हैं, जिनकी यह पहली पोस्टिंग जहानाबाद में हुई थी। 24 जून को उन्होंने महिला थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बताया गया कि यह घटना 9 मार्च 2025 की है। उस दिन वे अपने बैरक में थीं, तभी पास के कमरे में रहने वाले एएसआई मानस पांडे ने बाथरूम के रास्ते में रोककर उनके साथ अश्लील हरकतें कीं।
जब पीड़िता ने इसका विरोध किया, तो आरोपी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने शिकायत की, तो “गोलियों से छलनी कर देंगे”। इतना ही नहीं, आरोपी ने यह भी धमकी दी कि अगर निलंबित हुए, तो “जिंदा नहीं छोड़ूंगा”।
डर, चुप्पी और फिर हिम्मत
इस घटना के बाद पीड़िता लंबे समय तक डर और मानसिक तनाव में रहीं। उन्होंने 28 मार्च को तत्कालीन एसपी को लिखित शिकायत सौंपी थी, लेकिन उस वक्त कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। मामला आंतरिक शिकायत समिति (ICC) को सौंपा गया था, मगर जांच ठंडे बस्ते में चली गई।
बदलते हालात में जब नए एसपी विनीत कुमार ने ज़िले का कार्यभार संभाला, तो पीड़िता ने एक बार फिर साहस जुटाकर अपनी बात उनके सामने रखी। इस बार मामला गंभीरता से लिया गया और तत्काल कड़ी कार्रवाई शुरू की गई।
एसपी का सख्त रुख, आरोपी सस्पेंड
एसपी विनीत कुमार ने न सिर्फ आरोपी मानस पांडे को निलंबित कर दिया, बल्कि उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और विभागीय जांच का भी आदेश दिया। इसके अलावा उन्होंने मगध रेंज के आईजी से आग्रह किया है कि निलंबन की अवधि में आरोपी को ज़िला मुख्यालय से बाहर स्थानांतरित किया जाए, ताकि पीड़िता पर किसी भी प्रकार का दबाव न बनाया जा सके।
अभी आरोपी को पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने को कहा गया है और जांच तेज़ी से जारी है।
पीड़िता की सुरक्षा को लेकर चिंता
पीड़िता ने अपनी शिकायत में यह आशंका भी जताई है कि आरोपी उनकी हत्या करवा सकता है। उन्होंने जान-माल की सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग में यह उनकी पहली पोस्टिंग है और ऐसी घटना ने उन्हें मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित किया है।
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा की गारंटी देने वाली संस्थाएं खुद उनके लिए कितनी सुरक्षित हैं।