Bihar Assembly Elections 2025: चुनाव की तारीखों का ऐलान जल्द, आयोग ने जारी किया चार महीने का शेड्यूल

चुनाव आयोग ने बिहार में “मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण” अभियान शुरू कर दिया है।
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं। चुनाव आयोग ने संकेत दे दिया है कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा जल्द ही हो सकती है, क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इस बीच, आयोग ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की चार महीने की समयसारिणी जारी कर दी है, जो चुनाव की तैयारी का महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जा रही है।
अक्टूबर में आ सकता है चुनावी कार्यक्रम
सूत्रों के अनुसार, मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद, आम तौर पर एक सप्ताह के भीतर चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जाती है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है और वोटिंग नवंबर में कराई जा सकती है।
जानिए निर्वाचन आयोग का पूरा कार्यक्रम
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित कार्यक्रम इस प्रकार है:
- 25 जून से 26 जुलाई 2025: बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) घर-घर जाकर मतदाताओं के नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन के लिए आवेदन स्वीकार करेंगे।
- 27 जुलाई से 31 जुलाई: प्राप्त आवेदनों के आधार पर मतदाता सूची को अद्यतन किया जाएगा।
- 1 अगस्त 2025: अद्यतन सूची का प्रारूप प्रकाशित किया जाएगा।
- 1 अगस्त से 1 सितंबर: प्रारूप सूची के आधार पर दावे और आपत्तियां दर्ज की जा सकेंगी।
- 25 सितंबर: इन दावों व आपत्तियों का निपटारा कर दिया जाएगा।
- 30 सितंबर 2025: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।
पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर जोर
चुनाव आयोग का कहना है कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में शामिल करना और अयोग्य लोगों के नाम हटाना है। इससे मतदाता सूची की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित की जा सकेगी। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी पात्र मतदाता को सूची से वंचित नहीं किया जाएगा।
22 साल बाद हो रहा विशेष पुनरीक्षण
गौरतलब है कि बिहार में अंतिम बार विशेष गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था। तब से अब तक राज्य में शहरीकरण, प्रवासन, युवाओं की बढ़ती संख्या, समय पर मृत्यु सूचना न मिलना और अवैध नागरिकों के नाम सूची में जुड़ने जैसी समस्याएं सामने आई हैं। इन्हीं चुनौतियों को देखते हुए यह गहन पुनरीक्षण आवश्यक माना जा रहा है।
इस विशेष अभियान का उद्देश्य है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल न हो। इस काम को पूरी पारदर्शिता के साथ अंजाम दिया जा रहा है।