महागठबंधन जीता तो तेजस्वी CM: दीपांकर बोले, कांग्रेस पर नजर

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव (अक्टूबर-नवंबर संभावित) को लेकर महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर स्पष्टता देते हुए भाकपा (माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को स्पष्ट किया कि गठबंधन की जीत होने पर मुख्यमंत्री पद पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ही होंगे।
भट्टाचार्य ने कहा, इसमें कोई असमंजस नहीं होना चाहिए कि महागठबंधन के चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री तेजस्वी होंगे। तेजस्वी यादव पिछली बार भी चेहरा थे। वह सबसे बड़ी पार्टी राजद के नेता हैं। उनका नाम ‘घोषित या अघोषित’ होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। वह लोगों के लिए घोषित हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिहार के लिए कोई सवाल ही नहीं है।
सीटों की मांग और कांग्रेस पर संकेत:
भट्टाचार्य ने अपनी पार्टी के लिए पिछले चुनाव (2020) से अधिक सीटों की मांग का संकेत दिया। उन्होंने बताया कि भाकपा (माले) लिबरेशन इस बार 40-45 सीटों पर जमीनी तैयारी कर रही है। पिछली बार पार्टी 19 सीटों पर लड़ी थी और 12 पर जीत दर्ज की थी (63% सफलता दर)। उन्होंने कहा, पिछले विधानसभा चुनाव से यह धारणा है कि यदि माले को अधिक सीटें मिली होतीं तो हम सत्ता में होते।
कांग्रेस के प्रदर्शन (2020 में 70 सीटों पर लड़कर 19 जीती) और बिहार में उसकी स्थिति पर टिप्पणी करते हुए भट्टाचार्य ने कहा, “सब लोगों को पता है कि बिहार में कांग्रेस की वैसी कोई जमीनी स्थिति नहीं है, लेकिन कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और देश का मुख्य विपक्षी दल है। कांग्रेस की पहचान अलग धरातल पर है। माले की पहचान बिहार में जमीनी स्तर के संगठन की है।” उन्होंने महागठबंधन के सभी दलों के मजबूत पक्ष के सदुपयोग की बात कही।
अन्य अहम बयान:
- नीतीश कुमार: भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा के लिए नीतीश कुमार एक मजबूरी हैं, अन्यथा लोकसभा चुनाव पूर्व उन्हें हाईजैक नहीं किया जाता।
- प्रशांत किशोर: उन्होंने जन सुराज पार्टी के प्रशांत किशोर को भाजपा की ‘बी टीम’ बताया और कहा कि उनके प्रति पहले जैसा उत्साह नहीं रहा।
- जाति जनगणना: केंद्र सरकार की घोषणा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा का कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने जाति जनगणना के साथ आरक्षण सीमा बढ़ाने और निजी क्षेत्र में आरक्षण की मांग दोहराई।
- वाम एकीकरण: इसे “आखिरी कदम” बताया, फिलहाल बेहतर समन्वय को जरूरी माना।
बिहार में ‘महागठबंधन’ (इंडिया गठबंधन का स्थानीय रूप) में राजद, कांग्रेस, भाकपा(माले) लिबरेशन, वाम दल और वीआईपी शामिल हैं। पिछले चुनाव में महागठबंधन के घटकों में माले की सफलता दर (63%) राजद (52%) और कांग्रेस (27%) से बेहतर रही थी। भट्टाचार्य का बयान गठबंधन में सीएम फेस को लेकर स्पष्टता लाता है, लेकिन सीटों के बंटवारे पर चर्चा की संभावना बढ़ाता है, खासकर कांग्रेस के संदर्भ में।