मधुबनी कलेक्ट्रेट की हो सकती है नीलामी, कोर्ट ने 15 दिन में भुगतान का दिया आदेश, गेट पर चस्पा हुआ नोटिस

यह मामला कोलकाता स्थित कंपनी राधाकृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसने साल 2016 में मधुबनी कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
मधुबनी: बिहार के मधुबनी जिले के कलेक्ट्रेट भवन को नीलाम किए जाने का खतरा पैदा हो गया है। कोर्ट के आदेश के बाद कलेक्ट्रेट के गेट पर नोटिस लगा दिया गया है, जिसमें 15 दिनों के भीतर 4.17 करोड़ रुपये का भुगतान न होने पर संपत्ति की नीलामी की चेतावनी दी गई है। इस भवन में जिला मजिस्ट्रेट (DM), पुलिस अधीक्षक (SP) और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालय स्थित हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह विवाद कोलकाता की कंपनी राधे कृष्ण एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और मधुबनी स्थित पंडौल सहकारी कताई मिल के बीच हुए समझौते से जुड़ा है। सहकारी मिल सरकारी प्रबंधन में चलती थी, जो 1997 में बंद हो गई। कंपनी ने मिल को पूंजी और कच्चा माल उपलब्ध कराया था, लेकिन समझौते के अनुसार भुगतान नहीं मिलने पर मामला कोर्ट पहुंचा।
कोर्ट का आदेश और बढ़ता बकाया
- 2014 में पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए सरकार को 28.90 लाख रुपये (अग्रिम भुगतान), 2.70 लाख रुपये (मुआवजा) और 1.80 लाख रुपये (अतिरिक्त खर्च) का भुगतान करने का आदेश दिया था।
- समय पर भुगतान न होने पर 18% वार्षिक ब्याज लगने का प्रावधान था।
- 2016 में कंपनी ने मामला मधुबनी कोर्ट में दर्ज कराया, क्योंकि सरकार ने भुगतान नहीं किया था।
- अब तक बकाया राशि ब्याज सहित बढ़कर 4.17 करोड़ रुपये हो गई है।
क्या होगा अगले 15 दिनों में?
- अगर जिला प्रशासन 15 दिनों के भीतर यह राशि जमा नहीं करता, तो कलेक्ट्रेट परिसर की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
- अधिकारी अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दे रहे हैं।
अब कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन पर भुगतान का दबाव है। हालांकि अधिकारी इस गंभीर मामले पर कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं। अगर तय समयसीमा में रकम नहीं चुकाई गई, तो डीएम, एसपी सहित तमाम शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय वाली कलेक्ट्रेट बिल्डिंग की नीलामी हो सकती है।