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अब ‘बिहारी’, ‘जाट’, ‘चिंकी-पिंकी’ कहने पर भी लगेगा रैगिंग का केस, यूजीसी ने जारी की सख्त गाइडलाइन

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने नए सत्र से पहले सभी कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों को एंटी-रैगिंग गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। इसके तहत अब ‘बिहारी’, ‘जाट’, ‘चिंकी-पिंकी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई हो सकती है।

नई दिल्ली: अब देश के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘बिहारी’, ‘जाट’, ‘चिंकी-पिंकी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी रैगिंग की श्रेणी में आएगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने रैगिंग के खिलाफ एक सख्त कदम उठाते हुए सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को नई गाइडलाइंस का पालन करने का निर्देश दिया है। इसके अनुसार, अब केवल शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न ही नहीं, बल्कि जाति, रंग, धर्म, लिंग, भाषा, क्षेत्र या आर्थिक पृष्ठभूमि पर की गई कोई भी टिप्पणी रैगिंग मानी जाएगी।

नए सत्र से पहले अलर्ट पर कैंपस

देशभर के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने वाला है। इसी को ध्यान में रखते हुए UGC ने IIT, IIM, NIT, मेडिकल, लॉ, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट आदि सभी संस्थानों को एंटी-रैगिंग रेगुलेशन 2009 और नई संशोधित गाइडलाइन का पालन अनिवार्य किया है।

कैंपस में निगरानी और सुरक्षा के सख्त इंतजाम

  • हर संस्थान को अब एंटी-रैगिंग कमेटी बनानी होगी।
  • कैंटीन, हॉस्टल, बस स्टैंड, टॉयलेट्स और अन्य संवेदनशील स्थानों का औचक निरीक्षण होगा।
  • डार्क एरिया में अब CCTV कैमरे लगाए जाएंगे।
  • छात्रों से नियमित संवाद और काउंसलिंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि किसी भी प्रकार की रैगिंग को शुरुआती स्तर पर ही रोका जा सके।

रैगिंग विरोधी अभियान अब वीडियो के जरिए

पहले जहां पोस्टर और सेमिनार के जरिए जागरूकता फैलाई जाती थी, अब UGC छोटे वीडियो क्लिप्स के माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को रैगिंग के खतरों और नियमों के बारे में जागरूक करेगा। इसका मकसद छात्रों को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाना है।

एडमिशन प्रक्रिया में भी बदलाव

अब छात्रों को कॉलेज में एडमिशन लेते समय एंटी-रैगिंग शपथ पत्र भरना होगा। इसमें छात्र और उसके अभिभावक यह लिखित रूप में वादा करेंगे कि वे रैगिंग का समर्थन नहीं करेंगे और किसी भी रूप में उसमें शामिल नहीं होंगे।

वेबसाइट पर होगी पूरी पारदर्शिता

हर संस्थान की वेबसाइट पर एंटी-रैगिंग कमेटी के सदस्यों के नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल और अन्य संपर्क विवरण सार्वजनिक करने होंगे। किसी भी तरह की शिकायत आने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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