नीतीश कैबिनेट की बैठक: बिहार के छह जिलों में बनेंगे छोटे हवाई अड्डे, 20 प्रस्तावों को मिली मंजूरी

कैबिनेट ने UDAN योजना के तहत मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, वाल्मीकीनगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा में छोटे हवाई अड्डों के निर्माण की मंजूरी दे दी है। इसका मकसद क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करना और स्थानीय विकास को बढ़ावा देना है।
पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार, 17 जून 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में बिहार के विकास से जुड़े कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कुल 20 एजेंडों को स्वीकृति दी गई, जिनमें शिक्षा, उद्योग, खेल, परिवहन और कृषि क्षेत्र से संबंधित अहम निर्णय शामिल हैं।
छोटे हवाई अड्डों के विकास को मंजूरी
कैबिनेट ने उड़ान (UDAN) योजना के तहत राज्य के छह जिलों — मधुबनी, वीरपुर, मुंगेर, वाल्मीकीनगर, मुजफ्फरपुर और सहरसा — में छोटे हवाई अड्डों के निर्माण व विकास को मंजूरी दी है। यह फैसला राज्य में हवाई संपर्क को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
पटना में बनेगा 5-स्टार होटल, PPP मॉडल पर होगा निर्माण
पटना के पाटलिपुत्र अशोक होटल की जमीन पर 5-स्टार होटल बनाने की योजना को भी हरी झंडी मिल गई है। यह परियोजना जन-निजी भागीदारी (PPP मॉडल) के तहत विकसित की जाएगी, जिससे पर्यटन और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
पटना मेट्रो और औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा
पटना मेट्रो परियोजना के तहत मेट्रो स्टेशन निर्माण के लिए 10.49 करोड़ रुपये की लागत से भूमि हस्तांतरण को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, नवादा जिले में 70.05 एकड़ भूमि उद्योग विभाग को हस्तांतरित की गई है, जहां एक नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
शिक्षा और खेल क्षेत्र में नए कानून
शिक्षा विभाग से जुड़े नियमों को मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में सूचना अधिकारी, लाइब्रेरियन और PRT शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। वहीं राजगीर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और राज्य खेल अकादमी में कोचों की भर्ती और सेवा नियमों के लिए नया कानून 2025 पास किया गया है।
कृषि और सुरक्षा क्षेत्र में फैसले
- किसानों को समर्थन देने के लिए राज्य में दाल और तिलहन की खरीद अब न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी।
- बिहार पुलिस की स्पेशल ऑक्जिलरी फोर्स (SAF) में कार्यरत भारतीय सेना के 1717 रिटायर्ड जवानों की सेवा को 2025-26 तक एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
- सूखा प्रभावित इलाकों में राहत पहुंचाने के लिए सोन, गंडक, कोसी, मोरहर और पुनपुन नदियों के पुनर्भरण अध्ययन हेतु 2.58 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है।