गर्मी में सिर्फ़ ज़्यादा पानी नहीं, इन बातों पर भी ध्यान दें
उत्तर भारत में तेज गर्मी ने एक बार फिर लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दिल्ली, एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान समेत कई राज्यों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। ऐसे में सिर्फ़ पानी पीने से शरीर को स्वस्थ बनाए रखना मुश्किल है। विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर को हाइड्रेट रखने के साथ-साथ इलेक्ट्रोलाइट्स की संतुलित मात्रा भी जरूरी है।
गर्मी में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी एक आम लेकिन खतरनाक समस्या है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, महाराष्ट्र के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अविनाश भोंडवे के मुताबिक, डिहाइड्रेशन केवल पानी की कमी नहीं बल्कि शरीर से सोडियम, पोटैशियम, क्लोराइड, कैल्शियम जैसे जरूरी खनिजों की भी कमी का संकेत होता है। इससे मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है, थकान, सांस लेने में परेशानी और गंभीर मामलों में मौत तक हो सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि एसी में लगातार रहने से पसीना तो नहीं आता, लेकिन प्यास की अनुभूति कम हो जाती है, जिससे लोग कम पानी पीते हैं और डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा, गर्मी में ज़्यादा शराब या कैफीनयुक्त पेय लेने, दस्त, उल्टी या पेशाब बढ़ाने वाली दवाएं लेने से भी शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
डिहाइड्रेशन के मुख्य लक्षण:
- बहुत तेज प्यास लगना
- गहरे पीले रंग का और तेज़ गंध वाला पेशाब
- कम पेशाब आना
- चक्कर आना और थकावट
- सूखे होंठ और मुंह
- आंखों का धंस जाना
अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करने के उपाय अपनाने चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
ओआरएस है कारगर उपाय:
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, डिहाइड्रेशन सिर्फ पानी की कमी से नहीं होता, बल्कि दस्त, उल्टी, पसीना और सांस के जरिए शरीर से नमक और इलेक्ट्रोलाइट्स भी निकल जाते हैं। ऐसे में ओआरएस (ORS) का सेवन कारगर होता है, जिसमें सोडियम क्लोराइड, पोटैशियम क्लोराइड, सोडियम साइट्रेट और ग्लूकोज मौजूद होते हैं।
गर्मी के मौसम में शरीर में नमी और ऊर्जा बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी के साथ-साथ नमक-चीनी का घोल या ओआरएस का सेवन ज़रूरी है। इसके अलावा हल्का, ताजगी भरा और इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर भोजन भी अपनाएं ताकि शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान बना रहे।






