सीमा के साथ संस्कृति की सुरक्षा भी जरूरी: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद

बिहार: दरभंगा में आयोजित सीमा सुरक्षा हम सबकी जिम्मेदारी विषयक संगोष्ठी में शुक्रवार को बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने देश की सुरक्षा, संस्कृति और नागरिक जिम्मेदारियों पर अपने विचार रखे. लहेरियासराय प्रेक्षागृह में हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र, अधिकारी और आम नागरिक मौजूद थे.
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का संबोधन:
राज्यपाल खान ने कहा कि सीमा की सुरक्षा के साथ-साथ देश की संस्कृति और सभ्यता की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है. उन्होंने जोर देकर कहा कि सुरक्षा सिर्फ सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक को सजग रहकर सैनिक की तरह योगदान देना चाहिए. उन्होंने कहा, जब सैनिक रातभर जागते हैं, तभी हम सुकून की नींद सोते हैं.
राज्यपाल ने नागरिकों की उदासीनता को देश की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि घुसपैठ सिर्फ सीमा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और समाज को भी नुकसान पहुंचाती है. उन्होंने जागरूक नागरिकों से अपील की कि वे संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखें और प्रशासन को जानकारी दें.
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का बयान:
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा, भारत कोई धर्मशाला नहीं है जहां कोई भी आकर बस जाए. उन्होंने अवैध घुसपैठ को देश की आंतरिक सुरक्षा, संस्कृति और व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा बताया. उन्होंने पहचान पत्र जारी करने से पहले कठोर जांच प्रक्रिया अपनाने की जरूरत पर बल दिया.
कार्यक्रम का उद्देश्य और समापन:
सेमिनार का मुख्य उद्देश्य नागरिकों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करना और देशभक्ति की भावना को प्रोत्साहित करना था. आयोजन के अंत में दोनों राज्यपालों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.
इस कार्यक्रम के जरिए यह संदेश दिया गया कि देश की सीमाएं और संस्कृति, दोनों की सुरक्षा में नागरिकों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है.