प्लास्टिक सुनामी का खतरा! विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की चेतावनी
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 की थीम ‘बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन’ पर एक चेतावनी
धरती की साँसें घुट रही हैं
हर साल 5 जून को मनाया जाने वाला विश्व पर्यावरण दिवस (1973 से शुरू) आज एक युद्ध का ऐलान है. 2025 की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हराना” कोरी घोषणा नहीं, बल्कि एक अंतिम चेतावनी है. प्लास्टिक अब एक अनियंत्रित राक्षस बन चुका है, जो धरती को निगलने को तैयार है – हमारे कपड़ों की क्लिप से लेकर ऑफिस की कुर्सी तक हर जगह मौजूद यह दानव हमारी लापरवाही का मोहताज नहीं.
भविष्य का डरावना आईना
- 2060 तक प्लास्टिक उपभोग 3 गुना हो जाएगा.
- आज हर साल 46 मिलियन टन प्लास्टिक का उत्पादन (पिछले 20 सालों में दोगुना).
- कारण: सस्ती, टिकाऊ प्लास्टिक पैकेजिंग से लेकर कपड़ों और कॉस्मेटिक्स तक में घुसपैठ.
धरती और स्वास्थ्य पर जहरीला हमला
- समुद्रों में जहर: हर दिन 2000 ट्रकों के बराबर प्लास्टिक महासागरों में फेंका जाता है.
- मात्र 9% रिसाइकिल: 22% कचरा नदियों, झीलों और समुद्रों में जाकर मिट्टी-पानी को जहरीला बना रहा.
- माइक्रोप्लास्टिक हमारे खून में!: 5.3 ट्रिलियन प्लास्टिक टुकड़े समुद्रों में। मछलियों, पक्षियों और अब इंसानों के रक्त तक पहुँच चुके हैं.
- कैंसर का खतरा: BPA, फथलेट्स जैसे जहरीले केमिकल्स प्लास्टिक से रिसकर खाद्य श्रृंखला में घुल रहे हैं.
जलवायु संकट का साझीदार
प्लास्टिक उत्पादन जलवायु विनाश का बड़ा कारण है:
- 2019 में 1.8 बिलियन टन ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन (वैश्विक उत्सर्जन का 3.4%).
- UNEP चेतावनी दे चुका है: प्लास्टिक जलवायु संकट को तेज कर रहा है.
क्या समाधान है
- कम उपयोग: सिंगल-यूज प्लास्टिक पर तुरंत प्रतिबंध.
- रीसाइकिलिंग क्रांति: वैश्विक स्तर पर रिसाइकिलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करना.
- विकल्प: जैव-विघटित प्लास्टिक और जहरीले केमिकल्स से मुक्त डिजाइन.
- जागरूकता: “रीयूज” संस्कृति को बढ़ावा.






