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अयोध्या प्राण प्रतिष्ठा: राम मंदिर में आज दूसरी बार प्राण प्रतिष्ठा समारोह, 8 नई मूर्तियां होंगी स्थापित

अयोध्या: राम मंदिर में आज से एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ने जा रहा है। भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राम दरबार सहित आठ दिव्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा का शुभारंभ हो रहा है। यह विशेष अनुष्ठान 1 जून से 5 जून 2025 तक चलेगा और इसके अंतर्गत राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान राम अपने पूरे परिवार सहित विराजेंगे।

आयोजन की शुरुआत: कलश यात्रा और मूर्ति स्थापना

आज सरयू आरती स्थल से भव्य कलश यात्रा के साथ इस दिव्य आयोजन की शुरुआत होगी। प्रथम तल पर संगमरमर की बनी भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और हनुमान जी सहित राम दरबार की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।

इसके अलावा जटायु, तुलसीदास, वाल्मीकि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, शबरी और अहिल्या की मूर्तियों की भी स्थापना की जाएगी। इस ऐतिहासिक समारोह में देशभर से आए संत-महात्माओं और धर्माचार्यों को आमंत्रित किया गया है।


प्रमुख तिथियां और अनुष्ठान विवरण:

  • 1 जून 2025:
    • कलश यात्रा – सरयू आरती स्थल से निकाली जाएगी
    • प्रमुख मूर्तियों की स्थापना – राम दरबार सहित अन्य देव प्रतिमाएं
  • 3–4 जून 2025:
    • वैदिक पूजा – सुबह 6:30 बजे से 12 घंटे तक अनवरत पूजा-पाठ
  • 5 जून 2025:
    • प्राण प्रतिष्ठा – सुबह 6:30 से पूजा प्रारंभ, 11:00 बजे अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी
  • 6 जून 2025:
    • श्रद्धालुओं के लिए राम दरबार के दर्शन शुरू होंगे

प्रथम तल पर होगा अभिषेक, 8 देवालय भी होंगे सक्रिय

राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार के साथ अभिषेक अनुष्ठान भी संपन्न होगा। गर्भगृह के चारों ओर आयताकार घेरे के कोनों और किनारों पर 8 अन्य मंदिरों का निर्माण हुआ है, जिनमें प्रतिष्ठित देवताओं की स्थापना की जा रही है:

  • शिवलिंग – गर्भगृह के पास
  • गणेश जी – दक्षिण-पूर्व कोना
  • हनुमान जी – दक्षिणी भुजा
  • सूर्य देव (रथ सहित) – दक्षिण-पश्चिम कोना
  • अन्नपूर्णा माता और राम रसोई – उत्तरी भुजा

मेहमानों के लिए सेवा व्यवस्था

राम मंदिर ट्रस्ट ने आमंत्रित अतिथियों के लिए सुबह के जलपान और दोपहर के भोजन की व्यवस्था की है। रात्रि भोजन के लिए उन्हें अपने-अपने आश्रमों में व्यवस्था करनी होगी। निमंत्रण में इस आयोजन के आध्यात्मिक महत्व पर जोर देते हुए धार्मिक नेताओं से उपस्थित होकर इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनने का अनुरोध किया गया है।

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