बिहार विधानसभा चुनाव 2025: आप ने छोड़ा INDIA गठबंधन! अकेले लड़ेगी सभी 243 सीटों पर

आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले विपक्षी एकता को झटका देते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) ने घोषणा की है कि वह राज्य में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025:बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी समीकरण बदलते नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) ने बड़ा राजनीतिक फैसला लेते हुए कांग्रेस और आरजेडी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से दूरी बना ली है। पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी।
INDIA गठबंधन से दूरी, नई रणनीति पर काम शुरू
INDIA गठबंधन, जिसे लोकसभा चुनाव 2024 के लिए विपक्षी दलों ने मिलकर तैयार किया था, अब लगभग निष्क्रिय होता दिखाई दे रहा है। आम आदमी पार्टी ने यह भी साफ किया कि वह अब इस गठबंधन का हिस्सा नहीं है। दिल्ली चुनाव के दौरान भी ‘आप’ ने कांग्रेस से गठबंधन नहीं किया था, और अब बिहार में भी वही रुख दोहराया गया है।
AAP की दो-स्तरीय रणनीति: राज्य दो कैटेगरी में विभाजित
पार्टी ने अपनी राजनीतिक रणनीति को मजबूत बनाने के लिए सभी राज्यों को दो हिस्सों में बांटा है:
- पहला ग्रुप: पंजाब, दिल्ली, गुजरात, गोवा, असम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश – जहां राष्ट्रीय नेतृत्व सीधा हस्तक्षेप करेगा और चुनाव प्रचार व रणनीति की कमान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जैसे नेता संभालेंगे।
- दूसरा ग्रुप: वे राज्य जहां पार्टी अभी विस्तार की प्रक्रिया में है – इन जगहों पर स्थानीय नेतृत्व को फैसले लेने की आजादी दी गई है।
बिहार भी इसी दूसरे ग्रुप का हिस्सा है, जहां पार्टी फिलहाल जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करने में लगी है।
बिहार में सात चरणों की जनयात्रा
आम आदमी पार्टी बिहार में सात चरणों में जनसंपर्क यात्रा निकाल रही है ताकि जनता से सीधे संवाद किया जा सके और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत किया जा सके। पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अनुराग ढांडा ने जानकारी दी कि सीमांचल क्षेत्र तक यात्रा के तीसरे चरण में पहुंचने के बाद जनता से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है।
उन्होंने यह भी कहा:“हम बिहार में किसी गठबंधन के भरोसे नहीं, अपनी ताकत के बल पर चुनाव लड़ेंगे। संगठन विस्तार और लोगों से जुड़ाव हमारी प्राथमिकता है।”
कांग्रेस और आरजेडी को झटका
आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार में किसी भी पार्टी से समझौता नहीं करेगी और चुनाव में स्वतंत्र रूप से उतरने के लिए तैयार है। यह फैसला उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पार्टी हर राज्य में अपनी पहचान और पकड़ बनाने पर जोर दे रही है।