Mangala Gauri Vrat 2025: सावन में मंगलों पर रखें मंगला गौरी व्रत, जानें तिथियां, पूजा विधि और जरूरी नियम

सावन माह 2025 में 11 जुलाई से शुरू होगा और मंगला गौरी व्रत पहले मंगलवार से शुरू होता है।
नई दिल्ली:हिंदू धर्म में मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है, जो विशेष रूप से सावन मास के मंगलवारों को रखा जाता है। यह व्रत सुहागिन महिलाओं द्वारा पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन के लिए तथा कुंवारी कन्याओं द्वारा मनचाहा वर प्राप्त करने की कामना से किया जाता है। साल 2025 में मंगला गौरी व्रत कब-कब रखा जाएगा, इसकी पूरी जानकारी यहां दी गई है।
मंगला गौरी व्रत 2025 तिथियां
सावन माह 2025 में 11 जुलाई से शुरू होगा और मंगला गौरी व्रत पहले मंगलवार से शुरू होता है। इस वर्ष कुल चार मंगलवार पड़ रहे हैं, जिनमें यह व्रत रखा जाएगा:
- पहला मंगला गौरी व्रत: 15 जुलाई 2025
- दूसरा मंगला गौरी व्रत: 22 जुलाई 2025
- तीसरा मंगला गौरी व्रत: 29 जुलाई 2025
- चौथा मंगला गौरी व्रत: 5 अगस्त 2025
मंगला गौरी व्रत की पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- व्रत का संकल्प लेकर पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर मां पार्वती की मूर्ति या फोटो स्थापित करें।
- घी का दीपक जलाएं और षोडशोपचार विधि से माता की पूजा करें।
- माता को लौंग, सुपारी, इलायची, पान, लड्डू, फल, सुहाग का सामान और 16 चूड़ियां अर्पित करें।
- व्रत कथा का पाठ करें और मां की आरती करें।
- 16 चीजें अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना गया है।
व्रत से जुड़े नियम
- व्रत के दिन फलाहार या सात्विक भोजन किया जा सकता है।
- अनाज (चावल, गेहूं, दाल) का सेवन न करें।
- लहसुन, प्याज और सफेद नमक से परहेज करें।
- जिन महिलाओं को मासिक धर्म हो, वे इस व्रत की पूजा न करें।
विशेष मान्यता
मान्यता है कि इस व्रत को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ करने से सुहागिनों को अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है, और अविवाहित कन्याओं को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। सावन मास में यह व्रत आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत फलदायी माना गया है।